लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि प्रदेश में हर हाल में 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव संपन्न करा लें। न्यायालय ने गुरुवार को विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथि निर्धारित कर दी है। जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस आरआर अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने निर्देश दिया है कि 17 मार्च तक आरक्षण कार्य पूरा करने के साथ 30 अप्रैल पर प्रधानी चुनाव संपन्न करा लें।
हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग और उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल तक ग्राम प्रधान, 15 मई तक जिला पंचायत सदस्य और ब्लाक प्रमुख के चुनाव कराएं। कोर्ट ने कहा कि 13 जनवरी 2021 तक चुनाव हो जाने चाहिए थे। कोर्ट ने 15 मई तक सभी पंचायतों के गठन का निर्देश दिया है। हालांकि चुनाव आयोग ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 22 जनवरी को पंचायत चुनाव की मतदाता सूची तैयार हो गई। 28 जनवरी तक परिसीमन का काम भी पूरा कर लिया गया। लेकिन सीटो का आरक्षण राज्य सरकार को करना है। यही वजह है कि अब तक चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया जा सका है। आरक्षण पूरा होने के बाद चुनाव में कम से कम 45 दिन का समय लगेगा। न्यायालय ने लेट लतीफी पर नाराजगी जाहिर करते हुए निर्वाचन आयोग को फटकार लगाई है।
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