
चंदौली। चिकित्सक ही भगवान का रूप होते हैं बौरी निवासी 96 वर्षीय महिला तेतरा देवी से बेहतर कौन बता सकता है। पैर फिसला और कोहनी की हड्डी टूट गई तो दर्द जान लेने पर आमादा हो गया था। परिजनों ने कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन उम्र का हवाला देकर कोई इलाज को तैयार नहीं हुआ। लेकिन चंदौली स्थिति सूर्या हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के युवा चिकित्सक डा. गौतम त्रिपाठी (एमबीबीएस एमएस आर्थो) और उनकी टीम ने तकरीबन दो घंटे की मेहनत के बाद कोहनी का सफल आपरेशन कर वृद्ध महिला को नया जीवन दे दिया।
बौरी निवासी जवाहर सिंह 96 वर्षीय मां तेतरा देवी को लेकर जब सूर्या हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर पहुंचे तो काफी घबराए हुए थे। कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने उम्र को देखते आपरेशन करने से मना कर दिया। डा. गौतम त्रिपाठी ने चोट का अध्ययन किया तो एक बारगी उन्हें भी लगा कि स्थिति काफी जटिल है। लेकिन ट्रामा सेंटर में सेवाएं देने का उनका अनुभव काम आया और उन्होंने खुद वृद्ध महिला के कोहनी का सफल आपरेशन कर डाला। तेतरा देवी अब काफी बेहतर महसूस कर रही हैं। डा. गौतम त्रिपाठी और डा. ऋषि त्रिपाठी ने बताया कि तेतरा देवी अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उनकी कोहनी भी बेहतर है। वे अपने हाथ का सामान्य तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगी।