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चंदौली में हाईवे किनारे कार में मिली थी लाश, पुलिस ने किया मामले का पर्दाफाश

चंदौली। बीते 23 अप्रैल को अलीनगर थाना क्षेत्र के पंचफेड़वा के पास हाईवे किनारे मारुती कार में लावारिस हाल में एक व्यक्ति की लाश बरामद हुई। काफी छानबीन के बाद मृतक की शिनाख्त अभिषेक त्रिवेदी निवासी मुठानी थाना मोहनियां जिला कैमूर बिहार के रूप में हुई। पता चला कि मृतक कुछ वर्षों से सामने घाट वाराणसी में परिवार के साथ रहता था। घटना के एक पखवाड़े बाद पुलिस ने पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
एएसपी ने घटना का अनावरण करते हुए बताया कि अभिषेक की हत्या उसके ही सौतेले भाई आलोक त्रिवेदी ने संपत्ति के लालच में की थी। घटना में उसके साथियों ने सहयोग किया था। बताया कि मृतक अभिषेक त्रिवेदी के पिता स्वर्गीय संजय त्रिवेदी ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी से आलोक और विवेक हैं जबकि मृतक अभिषेक दूसरी पत्नी से इकलौते पुत्र थे। अभिषेक अपनी पत्नी सीमा के साथ बालाजी एक्सटेंशन सामने घाट वाराणसी में रहते थे। मृतक की बिहार में गांव और आस-पास तकरीबन 175 बीघा पैत्रिक जमीन है। मृतक के दोनों सौतेले भाई जमीन को बंदोबस्ती पर देकर पैसे ले लेते थे। पिछले कुछ माह से अभिषेक बंदोबस्ती का पैसा आधा बांटने का दबाव बना रहे थे। आरोपित आलोक को डर सताने लगा कि कहीें अभिषेक जमीन में आधा हिस्सा न मांगे। इसलिए उसने अभिषेक को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। उसने इस काम में बालाजी नगर कालोनी लंका वाराणसी में रहने वाले मोहन तिवारी और मुठानी बिहार के मुकेश शर्मा और मनीष शर्मा को पैसों का लालच देकर शामिल कर दिया। दोनों आरोपितों की मृतक अभिषेक से अच्छी जान-पहचान थी। घटना वाले दिन आलोक और मोहन तिवारी अभिषेक के घर वाराणसी पहुंचे और गांव घूमने के बहाने अभिषेक की ही मारुती कार से मुठानी बिहार पहुंचे। इसके बाद पैत्रिक घर के प्रथम तल पर अभिषेक को तमंचे से पीछे से गोली मार दी। अंधेरा होने पर मृतक की कार से सभी चंदौली के पंचफेड़वा पहुंचे और शव को कार में ही छोड़कर मुकेश शर्मा और मनीष शर्मा वापस मुठानी बिहार चले गए जबकि आलोक और मोहन तिवारी आटो से मुगलसराय होते वाराणसी पहुंचे। मृतक की पत्नी सीमा ने पति अभिषेक का फोन नहीं लगने पर आलोक को फोन किया तो उसने झूठी कहानी गढ़ते हुए कहा कि अभिषेक उसे सिंहीताली के पास छोड़कर किसी से मिलने की बात कहकर चंदौली गए हैं। आलोक और मोहन अगले दिन पड़ोसियों के साथ मिलकर अभिषेक को ढूंढने निकले और नाटकीय तरीके से दोनों ने मृतक को ढूंढ भी निकाला और पुलिस को सूचना दी। मृतक की पत्नी से मिली तहरीर के आधार पर पुलिस ने तीन आरोपितों आलोक त्रिवेदी, मोहन तिवारी और मुकेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।

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