चंदौली। मां ने पढ़ने के लिए डांटा और एक थप्पड़ लगाया तो सात वर्ष का मासूम आयुष बिहार के कटिहार से अकेले ही पटना पहुंचा और वहां से ट्रेन पकड़कर डीडीयू जंक्शन पहुंच गया। गनीमत रही कि आरपीएफ कर्मियों की उसपर नजर पड़ गई और उसे अपने साथ पोस्ट पर ले आए। पूछताछ में उसने अपना और गांव का नाम बताया। काउंसलिंग के दौरान बताया कि मम्मी की मार से नाराज होकर उसने यह कदम उठाया।
आरपीएफ पोस्ट के उपनिरीक्षक सुनील कुमार साथ मेरी सहेली टीम की महिला अवर निरीक्षक अर्चना कुमारी, आरक्षी राम कुशल यादव और आरक्षी अभय कुमार जंक्शन पर गश्त कर रहे थे। प्लेटफार्म संख्या 3-4 पर एक सात वर्ष का बच्चा भटकते हुए मिला। आरपीएफ कर्मी उसे अपने साथ पोस्ट पर ले आए। बच्चे ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि उसे मम्मी ने मारा था तो वह पटना से गाड़ी पकड़ कर दिल्ली जा रहा था। उसने अपना नाम आयुष कुमार माता का नाम वंदना देवी, ग्राम-सलेमपुर , जिला कटिहार (बिहार) बताया। आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि बच्चे के नाबालिग होने के कारण अग्रिम कार्यवाही के लिए उसे बाल सहायता केंद्र की टीम को सुपुर्द कर दिया गया है।