चंदौली। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह और बीजेपी विधायक सुशील सिंह की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता जग जाहिर है। इसकी नींव 2015 जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में पड़ी थी। महिला के लिए आरक्षित जिला पंचायत अध्यक्ष सीट के लिए विधायक सुशील सिंह की पत्नी किरन सिंह और छत्रबली सिंह की पत्नी सरिता सिंह के बीच सीधा मुकाबला था। आखिरी समय तक किसी को नहीं पता था कि ऊंट किस करवट बैठेगा। बेहद नजदीकी मुकाबले में सरिता सिंह ने किरन सिंह को तीन वोटों के अंतर से हराकर लाल बत्ती अपनी मुट्ठी में कर ली। यहीं से धनबली छत्रबली सिंह और बाहुबली विधायक सुशील सिंह के बीच टकराव शुरू हुआ जो काफी दिनों तक चला। विधायक ने चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए और इसके अभिलेख भी मीडिया के सामने प्रस्तुत किए। छत्रबली सिंह के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों को भी ठोस तथ्यों के साथ उठाया था। हालांकि पलटवार के मामले में छत्रबली सिंह भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने खुद पर लगे आरोपों का जवाब आरोपों के साथ ही दिया।
छत्रबली की सक्रियता पर बोले विधायक सुशील सिंह
पंचायत चुनाव से ठीक पहले छत्रबली सिंह और उनकी पत्नी निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता सिंह ने बीजेपी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। शुक्रवार को बीजेपी कार्यालय में अपना आवेदन प्रस्तुत किया और जिलाध्यक्ष अभिमन्यू सिंह से पार्टी का झंडा भी लिया। इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधायक सुशील सिंह ने कहा कि पार्टी में किसी को शामिल करना न करना पार्टी का मामला है। हालांकि जिला पंचायत का भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। छत्रबली सिंह का चरित्र भी किसी से छिपा नहीं है। कल सपा और बसपा में थे आज भाजपा में आ गए कल फिर किसी और दल में चले जाएंगे यह बात सब जानते हैं। कहा कि वे भाजपा में कब शामिल हुए उन्हें कोई जानकारी नहीं है। कहा जब सपा की सरकार थी तब मैं विपक्ष में था। आज भाजपा का कार्यकर्ता हूं। पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा हूं और रहूंगा। समय के साथ पार्टी बदलना मेरी फितरत में नहीं है।