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चंदौलीहेल्थ

घर-घर चिह्नित किए जाएंगे संचारी रोग के मरीज, डीएम ने अधिकारियों को माइक्रो प्लान के तहत काम करने का दिया सुझाव

 

चंदौली। संचारी रोग से ग्रसित मरीजों को चिह्नित करने के लिए जिले में दो से ३० अप्रैल तक अभियान चलेगा। आशा व आंगनबाड़ी घर-घर जाकर संचारी रोग से ग्रसित मरीजों को चिह्नित करेंगी। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में टास्क फोर्स की बैठक के दौरान अधिकारियों को माइक्रो प्लान बनाकर काम करने की सलाह दी।

 

मौसम में बदलाव की वजह से सर्दी, जुकाम, बुखार, दस्त आदि के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ती है। गंदगी व उचित खान-पान न होने की वजह से लोग बीमारियों की चपेट में आते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक पखवारा का आयोजन किया जा रहा है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान दो से ३० अप्रैल तक चलेगा। वहीं दस्तक पखवारा १५ से ३० अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर संचारी रोग से ग्रसित मरीजों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कार्यकत्रियां संचारी रोग के साथ ही कुपोषित बच्चों को भी चिह्नित कर उनकी अलग सूची बनाएंगी। मरीजों में दवा का वितरण किया जाएगा। वहीं जरूरत के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कराकर उनका इलाज भी कराया जाएगा। अभियान में स्वास्थ्य के साथ ही महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, पंचायत राज, कृषि, पशुपालन, दिव्यांग जन सशक्तिकरण, उद्यान विभाग और  नगरीय निकाय के अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए। ताकि शासन की मंशा को फलीभूत किया जा सके। सीडीओ अजितेंद्र नारायण, एडीएम उमेश मिश्रा, सीएमओ डा. युगल किशोर राय व अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

 

माइक्रो प्लान बनाकर करें काम तो होंगे कामयाब

 

जिलाधिकारी संजीव सिंह ने अधिकारियों को माइक्रो प्लान बनाकर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक पखवारा को जनपद में प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन के लिए समय से माइक्रो प्लान बना लिया जाए। साथ ही उसका क्रियान्वयन ठीक ढंग से सुनिश्चित किया जाए। कहा कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में जलजमाव वाले स्थलों को चिन्हित करा लें और जल निकासी का समुचित प्रबंधन किया जाय। सर्वे के दौरान चिन्हित अतिकुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भरती करा कर उनका समुचित इलाज सुनिश्चित हो। शिक्षा विभाग बच्चों व अभिभावकों को जागरूक करने का कार्य करे। बच्चों को साफ-सफाई के लिए प्रेरित किया जाए। सभी विभागों के अफसर आपस में समन्वय बनाकर अभियान को सफल बनाए। चेताया कि आकस्मिक निरीक्षण के दौरान यदि कहीं गंदगी एवं कमियां मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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