चंदौली। चहनियां ब्लाक प्रमुख अरुण कुमार जायसवाल की मुश्किलें नए साल के पहले दिन बढ़ गईं। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट, राम बाबू यादव ने पपौरा क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) मुकेश खरवार के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए बलुआ थानाध्यक्ष को प्रमुख और उनके सहयोगियों गोपाल सिंह उर्फ बबलू और मोनू सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
चहनियां ब्लाक के पपौरा गांव के बीडीसी मुकेश खरवार ने प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 66 बीडीसी सदस्यों के साथ जिलाधिकारी के समक्ष अपनी मांग रखी थी। आरोप है कि 14 मार्च 2024 को चहनियां प्रमुख की सह पर पपौरा के राधाकृष्ण मंदिर में गोपाल सिंह और मोनू सिंह ने मुकेश खरवार पर प्रमुख के पक्ष में हलफनामे पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया।
इन्कार करने पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज और मारपीट की गई। यहां तक कि उन्हें जबरन मोटरसाइकिल से उठाकर ले जाने की कोशिश की गई। शोर सुनकर उनकी पत्नी जीरानी देवी और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्हें बचाया।
न्यायालय का आदेश
घटना के बाद मुकेश खरवार ने बलुआ थाने और एसपी से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने न्यायालय का रुख किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद धारा 156(3) के तहत मुकेश के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने ब्लाक प्रमुख अरुण कुमार जायसवाल, गोपाल सिंह उर्फ बबलू, और मोनू सिंह के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर मामले की विवेचना का आदेश दिया है। बलुआ थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया है कि विवेचना पूरी कर न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।