
लखनऊ। ओवरलोडिंग को लेकर सरकार सख्त है। लेकिन खुद की जेब भरने के चक्कर में हाईवे से जुड़े जिलों के एआरटीओ वाहनों को धड़ल्ले से पास करा रहे हैं। ओवरलोडिंग घोटाले में गोरखपुर में पकड़े गए ढाबा संचालक धर्मपाल और एजेंट आशीष की काल डिटेल में कई एआरटीओ की पोल खुली है। शासन ने विशेष अनुसंधान दल को पूरे प्रकारण की जांच सौंप दी है। घोटाले में नाम सामने आने के बाद वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, मऊ, प्रयागराज, बस्ती, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर सहित 18 जिलों के एआरटीओ से एसआईटी की टीम जल्द ही पूछताछ करेगी।
ओवरलोडिंग घोटाले में 18 जनपदों के परिवहन अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका जांच के दायरे में है। एसआईटी की टीम आजमगढ़ के एआरटीओ से पूछताछ कर चुकी है। अब अन्य जनपदों के अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान लिए जाएंगे। परिवहन विभाग के पांच सिपाहियों से पूछताछ में भी कई अहम बातें सामने आई हैं। एसआईटी के रडार पर कई ट्रांसपोर्ट संचालक और ट्रक चालक भी हैं। कई लोगों को नोटिस देकर इसी महीने तलब किया गया है। शासन के इस कदम से भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों से होश उड़े हुए हैं। वैसे भी चंदौली का उप संभागीय परिवहन विभाग इस मामले में काफी बदनामी झेल चुका है। आरएस यादव प्रकारण ने पूरे प्रदेश में भूचाल ला दिया था। बावजूद यहां का महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा।