
जय तिवारी की रिपोर्ट
Chandauli News: डीडीयू रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और Government Railway Police (जीआरपी) के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हाल के दिनों में दोनों सुरक्षा एजेंसियों के बीच तनाव और टकराव की स्थिति साफ नजर आने लगी है।
सूत्रों के अनुसार, मनमुटाव के चलते आरपीएफ ने जीआरपी से दूरी बना ली और अब उसने अलीनगर पुलिस के साथ मिलकर शराब तस्करों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस नई साझेदारी के तहत संयुक्त टीम ने बीते 25 दिनों में 18 मुकदमे दर्ज करते हुए 66 शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान करीब 1600 लीटर अवैध शराब बरामद की गई है, जिसकी बाजार कीमत लगभग 22 लाख रुपये बताई जा रही है।
आरपीएफ की सक्रियता जहां सुर्खियां बटोर रही है, वहीं जीआरपी अब बैकफुट पर नजर आ रही है। पिछले कई दिनों से जीआरपी की ओर से कोई उल्लेखनीय कार्रवाई सामने नहीं आई है। जिस जीआरपी ने कभी हवाला के पैसों की बरामदगी के बाद खुद की पीठ थपथपाई थी, अब वही विभाग गंभीर अपराधों की रोकथाम में पिछड़ता नजर आ रहा है।
सीओ साहब, जो रीपोस्टिंग के बाद से ही चर्चा में थे कुछ दिन हवाला का पैसा बरामद करने के बाद अब मौन साधे नजर आ रहे हैं। वहीं, आरपीएफ की सक्रियता से असहज जीआरपी ने अब अवैध वेंडरों पर शिकंजा कसने की रणनीति अपनाई है — जो आरपीएफ की ‘कमजोर नस’ मानी जाती है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच डीडीयू रेलवे परिसर में आरपीएफ और जीआरपी के बीच खींचतान दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। अब देखना यह होगा कि दोनों फिर एक मंच पर आकर अपराध के खिलाफ एकजुट होंगे या लड़ाई और तेज होगी।