
चंदौली। जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे की अध्यक्षता में जिला वृक्षारोपण समिति एवं जिला गंगा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में वृक्षारोपण स्थलों की जियो टैगिंग, गंगा किनारे स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और घाटों के विकास पर चर्चा हुई। डीएम ने मीटिंग से गायब रहने पर अधिशासी अधिकारी सदर और चकिया का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी।
डीएम ने वृक्षारोपण स्थलों की जियो टैगिंग की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि सभी वृक्षारोपण स्थलों को अनिवार्य रूप से जियो टैग किया जाए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और वृक्षों के रखरखाव की निगरानी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि वृक्षारोपण सिर्फ संख्या बढ़ाने तक सीमित न रहे, बल्कि लगाए गए पौधों के संरक्षण एवं देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए वन, कृषि, शिक्षा और अन्य संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए।
जिला गंगा समिति की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने गंगा किनारे स्थित घाटों की साफ-सफाई और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि गंगा किनारे स्थित गांवों में जन जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि स्थानीय लोग गंगा संरक्षण में भागीदारी करें। गंगा में कूड़ा-कचरा फेंकने और औद्योगिक कचरे के निस्तारण पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे वनीकरण को प्राथमिकता दी जाए ताकि जैव विविधता को संरक्षित किया जा सके। मीटिंग में उपजिलाधिकारी अविनाश कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी दिलीप श्रीवास्तव, पीडी डीआरडीए, डीसी मनरेगा, गंगा समिति के दर्शन निषाद सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।