
चंदौली। स्पेशल जज पाक्सो अधिनियम राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए दोषी चंदन पांडेय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में एक अन्य आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया। दोषी को दुष्कर्म के एक अन्य मामले में 12 साल की सजा सुनाई जा चुकी है।
बबुरी थाना क्षेत्र की 10 वर्षीय बालिका के पिता का आरोप था कि 10 सितंबर 2018 की रात 12 बजे पत्नी और बेटी एक साथ घर के बाहर चारपाई पर सोई थीं। आधी रात में पत्नी की नींद खुली तो बेटी गायब मिली। खोजबीन करने पर उसका कहीं पता नहीं चला। इस संबंध में बबुरी थाने में अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। घटना के दूसरे दिन शाम को करीब तीन बजे आरोपी उसे घर के बाहर छोड़कर चला गया। इसके बाद पीड़िता ने आपबीती सुनाई। कहा कि इलिया थाना क्षेत्र के लेहरा खास ग्राम निवासी चंदन पांडेय, रवि साहनी और प्रकाश चौहान उठाकर मुर्गी फार्म के पास ले जाकर जबरन दुष्कर्म किया। इसके बाद जंगल में ले गए। वहां हाथ और मुंह बांधकर दोबारा दुष्कर्म किया। इस मामले में विवेचना के दौरान प्रकाश चौहान घटना में शामिल होना नहीं पाया गया। इस पर पुलिस ने चंदन पांडेय और रवि साहनी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन की ओर से विशेष शासकीय अधिवक्ता पाक्सो शमशेर बहादुर सिंह, अवधेश नारायण सिंह और रमाकांत उपाध्याय ने तर्क प्रस्तुत किया। अधिवक्ता शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज पाक्सो अधिनियम की कोर्ट में हुई। इस दौरान विशेष न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में रवि साहनी को दोष मुक्त कर दिया। लेकिन चंदन को धरा 376 ई आईपीसी में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।