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चंदौली पंचायत चुनाव में इन दिग्गजों को जनता जनार्दन ने पटका, दिया जोर का झटका

चंदौली। कह सकते हैं कि पंचायत चुनाव में जनता जनार्दन ने आसमान में उड़ रहे रहे कई दिग्गज नेताओं को जमीन पर ला पटका है। परिणाम के साथ ही आईना दिखाने का काम किया है। स्वयंभू नेताओं के खिसकते जनाधार की असलियत भी सामने आ गई है। चंदौली पंचायत चुनाव में कई दिग्गज नेताओं या उनके परिजनों को करारी शिकस्त मिली है। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद पार्टियां भी इन नेताओं को लेकर मंथन करने पर जरूर विवश होगी। आइए जानते हैं चंदौली जिले के ऐसे ही नेताओं के बारे में जिन्होंने चुनाव में मुंह की खाई है।

पत्नी को जीत नहीं दिला सके पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य

जिले के सांसद व केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय के करीबी पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य शिवशंकर पटेल की पत्नी अनीता पटेल को जिला पंचायत के चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। नियामताबाद सेक्टर तीन से सपा समर्थित अजीत यादव ने अनीता पटेल को तकरीबन 1800 मतों के भारी अंतर से शिकस्त दी। यह परिणाम  जिलाध्यक्ष और विधायकी लड़ने का सपना संजोए बैठे शिवशंकर पटेल के लिए किसी झटके से कम नहीं।

भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष को जनता ने नकारा

तकरीबन छह वर्षों तक भाजपा के चंदौली जिलाध्यक्ष रहे सर्वेश कुशवाहा को भी जिले के सांसद का करीबी माना जाता है। चुनाव से पहले इन्हें चंदौली जिला पंचायत अध्यक्ष पद के तगड़े दावेदार के रूप में भी देखा जा रहा था। पार्टी के शीर्ष नेताओं के आशीर्वाद से सत्ता की मलाई काटने वाले कुशवाहा को जनता ने सिरे से नकार दिया। चहनिया ब्लाक के सेक्टर दो से सपा के रविंद्र यादव ने 1300 वोटों से पराजित किया।

सपा विधायक के भतीजे को मिली करारी हार
सकलडीहा से सपा विधायक प्रभुनारायण यादव को भी पंचायत चुनाव में झटका लगा है। विधायक के भतीजे विकास यादव को जिला पंचायत चुनाव में करारी हार झेेलनी पड़ी है। पहली दफा चुनाव लड़ रहे भाजपा के गोपाल सिंह ने विकास यादव को भारी मतों के अंतर से पराजित किया। विधान सभा चुनाव से ठीक पहले परिवार के सदस्य की इस हार के बड़े मायने निकाले जा रहे हैं।

प्रधानी चुनाव हारा पूर्व सपा जिलाध्यक्ष का भाई

सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बलिराम यादव सैयदराजा विधान सभा से विधायकी लड़ने का सपना संजोए बैठे हैं। टिकट के लिए पार्टी कार्यालय में आवेदन भी कर चुके हैं। लेकिन पूर्व जिलाध्यक्ष के भाई बलवीर यादव बगहीं कुंभापुर गांव से प्रधानी का चुनाव तक नहीं जीत सके। हार भी मिली तो 620 वोटों से। ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर राजेश विश्वकर्मा ने पूर्व जिलाध्यक्ष के भाई को पटखनी दी। यही नहीं बीडीसी चुनाव में भी परिवार के सदस्यों को शिकस्त मिली है।

ये दिग्ग्जत नेता भी हारे चुनाव
दो दफा जिला पंचायत सदस्य रहे अशोक त्रिपाठी छोटू को भी अबकी चुनाव में करारी हार का मुंह देखना पड़ा है। टिकट कटने पर सपा छोड़ बसपा में शामिल हुए छोटू तिवारी को जनता ने नकार दिया। वहीं जसुरी गांव के पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह के परिवार का दबदबा भी इस चुनाव में समाप्त हो गया। पूर्व ब्लाक प्रमुख बहू कालिंदी सिंह को जिला पंचायत चुनाव में हार मिली है। जीत तो दूर की बात चुनाव में तीसरे स्थान पर रहीं। इनके पुत्र संजय सिंह बबलू पूर्व जिला पंचायत सदस्य रही चुके हैं।

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