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चंदौलीः अधिकारियों ने भगाया, कोर्ट ने चनरी को न्याय दिलाया, दो लेखपालों सहित पांच पर दर्ज होगा मुकदमा

चंदौली। दस्तावेजों में हेरफेर कर निजी जमीन में तीन लोगों को फर्जी तरीके से हिस्सेदार बनाना दो लेखपालों को भारी पड़ने वाला है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्याम बाबू ने क्षेत्रीय लेखपालों सहित पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला पीडीडीयू नगर तहसील क्षेत्र का है। लखमीपुर गांव निवासी चनरी देवी की भूमि में लेखपालों ने तीन अन्य लोगों को भी दस्तावेज में हिस्सेदार बना दिया था।
पीडीडीयू नगर तहसील क्षेत्र निवासी चनरी देवी की लखमीपुर में 60 डिसमिल कृषि योग्य भूमि है। जिसकी वह दस्तावेज के अनुसार कास्तार है। लेकिन राजस्व विभाग के दो लेखपालों ने कूट रचित दस्तावेजों के जरिए इसी भूूमि में वारिस के रूप में पंचम, सतीष कुमार भारती और अनिल कुमार का नाम खतौनी में दर्ज करा दिया। हिस्सेदार के तौर पर नाम दर्ज होने के बाद तीनों ने चनरी देवी की भूमि के कुछ भाग को बेच दिया। इसकी भनक लगने पर चनरी देवी ने सक्षम अधिकारियों के यहां लेखपालों की करतूत को रखा, लेकिन अफसरों ने उसे बैरंग वापस कर दिया। इसके बाद उन्होने न्यायालय में वाद दाखिल किया। इसी मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्याम बाबू ने फैसला सुनाया। उन्होने वादिनी चनरी देवी के अधिवक्ता राकेश रत्न तिवारी की ओर से दिए गए तर्काे और साक्ष्यों के आधार पर क्षेत्रीय लेखपाल विनोद कुमार पांडेय, लेखपाल राजेश भारती और पंचम, सतीष कुमार भारती और अनिल कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए मुगलसराय कोतवाल को आदेश दिया। अधिवक्ता राकेशरत्न तिवारी ने बताया कि विपक्षीगणों के द्वारा चनरी देवी के हिस्से की भूमि को बेचने में भी कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किया। दलित जाति के होने के बाद भी लोगों ने सामान्य जाति का व्यक्ति बनकर भूमि को बेचा है।

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