वाराणसी। अक्षय तृतीया पर बाल विवाह किया तो जेल की हवा खानी पड़ेगी। 21 अप्रैल को “अक्षय तृतीया” के अवसर पर होने वाले संभावित बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने सभी जन मानस से बाल विवाह को रोकने की अपील की है। जिलाधिकारी ने ग्राम स्तर पर कार्यरत सभी विभाग के कार्मिकों व ग्राम प्रधान को निर्देशित किया हैं कि वे अक्षय तृतीया के दिन होने वाले विवाह पर पैनी नजर रखें और ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं स्कूल के प्रधानाध्यापक आदि से समन्वय स्थापित कर उन्हें बाल विवाह की बुराइयों से अवगत कराएं।
यह भी बताएं कि बाल विवाह एक क़ानूनन अपराध है, जिसमे दोषी व्यक्ति को 2 वर्ष की सजा और एक लाख जुर्माने का प्राविधान है। डीएम ने निर्देशित किया है कि ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को यह भी अवगत कराएं कि उनके क्षेत्र में यदि बाल विवाह होता है, तो वह तत्काल संबंधित थानाध्यक्ष, चाइल्ड लाइन 1098 महिला हेल्प लाइन 181 तथा पुलिस हेल्प लाइन 112 पर सूचना तत्काल उपलब्ध कराएंगे।
डीएम ने अपर जिला अधिकारी (नगर), अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), सभी उप जिलाधिकारी, सभी थानाध्यक्ष, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला पंचायत राज अधिकारी, परियोजना अधिकारी डूडा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं सभी स्वैच्छिक संगठनों के साथ ही चाइल्ड लाइन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अक्षय तृतीया के दिन सभी अधिकारी पूरी निगरानी रखेंगे, यदि कहीं बाल विवाह की शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित अधिकारी उसे रोकने में अहम भूमिका निभाये।
जनपद में किसी भी दशा में बाल विवाह नहीं होना चाहिए। इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पाण्डेय द्वारा बताया गया कि जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम महिला कल्याण विभाग से जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेंटर, महिला शक्ति केंद्र, चाइल्ड लाइन की टीम को निर्देशित कर दिया गया है कि वह “अक्षय तृतीया” के अवसर पर पूर्ण निगरानी रखें। जिससे जनपद में कोई भी बाल विवाह न होने पाए। अगर कही भी बाल विवाह की कोई घटना संज्ञान में आती है तो तत्काल कार्रवाई करें।