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चंदौली में बसपा को लगा बड़ा झटका, पूर्व राज्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं संग पार्टी छोड़ी

चंदौली। सूबे में पहले से ही हाशिए पर चल रही बसपा को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। चंदौली जनपद में तो पार्टी की हालत और भी खस्त नजर आ रही है। पंचायत चुनाव में भी संगठन की कमजोरी के चलते पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा। अब पार्टी के पुराने नेता भी किनारा कसने लगे हैं। बुधवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित आकस्मिक बैठक में पूर्व राज्यमंत्री डा. रमाशंकर राजभर ने दर्जनों वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बसपा से सामूहिक स्तिफा दे दिया। दावा किया कि अब राभर समाज बहुजन समाज पार्टी से कभी नहीं जुड़ेगा।

दरअसल बसपा के कद्दवर नेता और पांच दफा विधायक रह चुके रामअचल राजभर को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद से ही बसपा से जुड़े राजभर समाज के लोग काफी आहत हैं। चंदौली में पूर्व राज्यमंत्री डा. रमाशंकर राजभर का स्तिफा भी इसी आक्रोश का नतीजा है। उन्होंने कहा कि रामअचल राजभर का निष्कासन हम सभी के लिए कष्टकारी है और राजभर समाज का अपमान है। ऐसी स्थिति में राजभर समाज का बसपा में बने रहना मान-सम्मान के खिलाफ है। कहा कि रामअचल राजभर ने बसपा को उम्दा मुकाम तक पहुंचाने में अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। बावजूद इसके बसपा सुप्रीमो ने राजभर समाज के नेताओं के त्याग, समर्पण व निष्ठा को अपनाने की बजाय उसे अपमानित करके का काम किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती का यह कदम आत्मघाती है। साथ ही इनके कुंठित होने का परिचायक भी है। जल्द ही समाज के लोगों के साथ बैठक सर्वसम्मति से कोई निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान सूबेदार राजभर, गायत्री राजभर, ओमप्रकाश राजभर, अवधेश राजभर, श्रवण राजभर, विजयी राजभर, दीना राजभर, महेंद्र राजभर, राहब राजभर, अवध नारायण राजभर, अवध नारायण राजभर, मनोज राजभर, दरोगा राजभर, प्रभाकर राजभर, अभय सिंह आदि ने बसपा से त्याग पत्र दिया।

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