
चंदौली। गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की जिला प्रशासन की कवायद अभी परवान नहीं चढ़ पाई है। मुगलसराय क्षेत्र के रौना गांव में एसटीपी निर्माण की राह में जमीन का रोड़ा धीरे-धीरे समाप्त होता नजर आ रहा है। तकरीबन 75 से 80 फीसद किसानों ने मुआवजा आदि मसलों पर अपनी सहमति दे दी है। कुछ ही किसान जमीन नहीं देने पर अड़े हैं। हालांकि राजस्व विभाग किसानों को राजी करने में लगा है। शनिवार को क्षेत्रीय लेखपाल धनंजय कुमार रौना गांव पहुंचे और किसानों से भूमि की वरासत आदि की जानकारी लेने के साथ उनकी बात भी सुनी।
गंगा नदी में गिरने वाले प्रदूषित जलमल के शोधन के लिए रौना गांव में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना है। जमीन के अभाव में सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्ण नीं हो पा रही। हालांकि अधिकांश किसान एसटीपी निर्माण के लिए अपनी भूमि देने को तैयार हो गए हैं। बीते 10 तारीख को एसडीएम ने किसानों के साथ बैठक भी की थी। जिन किसानों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं उनसे बात की गई और सहमति प्रदान करने को कहा गया। इसी क्रम में शनिवार को क्षेत्रीय लेखपाल गांव पहुंचे और किसानों से उनकी जमीन आदि के बाबत जानकारी ली। गांव के आराजी नंबर 19 में किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है।