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चंदौली: किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया शादीशुदा कोचिंग संचालक, जबरन बनाया संबंध, अब आजीवन कारावास

 

चंदौली। स्पेशल जज पॉक्सो राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने किशोरी से दुराचार के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया।अर्थदंड जमा नहीं करने पर आरोपी को दो साल और जेल में रहना होगा।
अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह ने तर्क प्रस्तुत किया। बताया कि मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र की 13 वर्षीय पीड़ित किशोरी के पिता ने अपने बेटी के साथ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। आरोप था कि वाराणसी के अंधरापुल निवासी रविशंकर मौर्या कक्षा हाईस्कूल की छात्रा पुत्री को विज्ञान विषय का ट्यूशन पढ़ता था। दो साल तक बेटी को कोचिंग कराया। इस बीच टीचर ने पुत्री को अपने प्यार में फंसा लिया और शादी का झांसा देकर 30 अप्रैल 2016 को बहला-फुसलाकर उसे भगा ले गया। बेटी की काफी खोजबीन की गई। लेकिन कुछ पता नहीं चला। करीब 14 दिन बाद बेटी घर वापस आयी तो आपबीती सुनाई। उसने बताया कि पहले से ही शादीशुदा आरोपी युवक आटो से वाराणसी ले गया। वहां से इलाहाबाद और फिर कानपुर ले गया। इसके बाद जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया और बलात्कार किया। इस संबंध में पुलिस ने धारा 363, 366, 376 आईपीसी व 3/4 पॉक्सो एवं 3 (2) 5 एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करते हुए विवेचना कर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत किया। इसकी सुनवाई स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट में की गई। इसमें कुल 11 गवाह पेश किए गए। इस दौरान न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उन्होंने धारा 363 आईपीसी में चार वर्ष कठोर कारावास और 5 हजार रुपया जुर्माना लगाया। अदा न करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा से दंडित किया। वहीं 366 आईपीसी में 5 साल की सजा और 6 हजार रुपया अर्थदंड लगाया। अर्थदंड नहीं देने पर दो माह की अतिरिक्त सजा और धारा 4 (1) पॉक्सो एक्ट में 14 वर्ष की सजा व 10 हजार रुपया जुर्माना सुनाया। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया। इसके अलावा धारा 3 (2) 5 एससीएसटी में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपया अर्थदंड लगाया। अर्थदंड न देने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला सुनाया।

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