
चंदौली। गौर फरमाइएगा। रेल अधिकारियों का मानना है कि डीआरएम कार्यालय में पड़ी सीबीआई की रेड, कार्यालय में लगी आग जिसमें महत्वपूर्ण फाइलों के जलने की बात की जा रही है या फिर आरपीएफ कार्यालय के बड़े बाबू युवराज का तीन करोड़ से अधिक का घोटाला। ऐसी तमाम घटनाएं डीआरएम कार्यालय की बाउंड्री ऊंची कराने और बाहरी लोगों का कार्यालय में प्रवेश रोक देने से रुक जाएंगी। जी हां उच्चाधिकारियों ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए बाहरी व्याक्तियों यहां तक कि मीडिया कर्मियों के भी कार्यालय में सीधे प्रवेश पर रोक लगा दी है। अब मुख्य गेट पर ही आरपीएफ के जवान पूछताछ करेंगे, कार्यालय में प्रवेश का उद्देश्य पूछेंगे और संबंधित अधिकारी की अनुमति मिलने पर ही भीतर जाने दिया जाएगा। अन्यथा गेट से ही वापस लौटा दिए जाएंगे।
पहली बार ऐसा हुआ है कि मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में सीधे प्रवेश पर रोक लगाई गई है। लोगों का मानना है कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए अधिकारियों ने यह कदम उठाया है। भ्रष्टाचार और अनियमितता के एक के बद एक उजागर होते मामलों ने डीडीयू मंडल की महकमे में काफी किरकिरी कराई है। भ्रष्टाचार की जड़ों पर प्रहार करने की बजाए अधिकारियों ने कार्यालय में प्रवेश रोकने जैसा कदम उठाया है। कुल मिलाकर अधिकारियों की यह सोच है कि यदि बाहरी व्यक्ति कार्यालय में प्रवेश नहीं करेगा तो विभाग में व्यप्त भ्रष्टाचार रुक जाएगा। हालांकि इस फैसले के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया जा रहा है। आरपीएफ कमांडेंट जेथिन बी राज का कहना है कि कार्यालय में किसी का प्रवेश नहीं रोका गया है। केवल इंट्री से पहले पूछताछ की जाएगी। रजिस्टर में नाम अंकित होगा और कार्यालय में जाने और वापस आने का समय नोट किया जाएगा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कदम उठाया गया है।