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चंदौलीः गहरे राज उगल रही माटी गांव की धरती, जानकर रह जाएंगे हैरान

चंदौली। बीएचयू पुरातत्व विभाग की टीम की ओर से माटी गांव में हो रही खोदाई में धरती की कोख में छिपे गहरे राज निकलकर सामने आ रहे हैं। गांव स्थित प्राचीन शिवमंदिर के समीप खोदाई में मिले पुरातात्विक साक्ष्यों से इसकी पुष्टि हुई है। रविवार को जमीन के लगभग एक मीटर नीचे मंदिर की दीवार और ढांचा मिला है। इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई ईंट और वास्तु के आधार पर इसे गुप्तकालीन माना जा रहा है। उत्खनन टीम की ओर से अवशेषों को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।


माटी गांव में बीएचयू की टीम बीते शुक्रवार से खोदाई करा रही है। विभाग के निदेशक डाक्टर विनय कुमार की देखरेख में खोदाई का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि जमीन के नीचे एक मीटर तक की खोदाई के बाद जिस तरह से मंदिर का ढांचा ऊभर कर सामने आया है, उससे प्रतीत हो रहा है कि थोड़ी गहरी खोदाई में भव्य मंदिर का स्वरूप सामने आ जाएगा। कहा, अभी तक मिले अवशेषों के गुप्तकालीन होने की संभावना है। खोदाई में मिले अवशेषों से इलाके में प्राचीन सभ्यता के बारे में अध्ययन में सहूलियत मिलेगी। दरअसल बीएचयू की टीम ने जानकारी के आधार पर विगत दो वर्ष पहले गांव का सर्वे किया था। इस दौरान प्राचीन शिव मंदिर के समीप ईंटें व बलुआ पत्थर की मूर्तियां मिली थीं। इनकी जांच कराई गई तो कार्बन डेटिंग के आधार कुषाण व गुप्तकालीन माना गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से अनुमति मिलने के बाद बीएचयू की टीम ने मार्च 2020 में प्राचीन शिव मंदिर के पास उत्खनन शुरू कराया था। इस जमीन के नीचे से भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा मिली थी। हालांकि इसी बीच कोरोना लाकडाउन लग गया। इससे खोदाई का काम रुक गया। शुक्रवार से दोबारा खोदाई शुरू करा दी गई है। टीम में डाक्टर उमेश कुमार सिंह, डाक्टर प्राची कुशवाहा, राहुल त्यागी, अभिषेक कुमार सिंह, प्रदीप पटेल, शिवशंकर प्रजापति शामिल रहे।

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