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चंदौली के तीन बच्चों की बनाई जा रही थी अश्लील फिल्म, वीडियो गेम खेलने का लालच देकर करते रहे गलत काम, आईटीआई कालेज का संचालक है आरोपी

चंदौली। चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में चंदौली पाक्सो कोर्ट में सीबीआई की ओर से दाखिल दो हजार पन्नों के आरोप पत्र में एक से बढ़कर एक चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। चंदौली के दो आरोपी अजय कुमार सिंह और अविनाश सिंह चार साल से इस घिनौने खेल में लिप्त थे। गरीब बच्चों को अपना शिकार बनाते। वीडियो गेम खेलने का लालच देकर उनके साथ गलत काम किया जाता था। बच्चे वीडियो गेम खेलने में इतने मशगूल हो जाते थे कि उन्हें पता तक नहीं चलता कि उनके साथ किस तरह का काम किया जा रहा है। अश्लील फिल्म बनाकर उसे इंटरनेट पर वायरल किया जाता था। चंदौली के भी तीन बच्चों की अश्लील फिल्म बनाकर इंटरनेट पर वायरल किया गया था। हैरत की बात यह कि बच्चों के माता-पिता तक को इसकी भनक नहीं लगी सकी।

आरोपियों तक ऐसे पहुंची सीबीआई
विशेष अधिवक्ता पाक्सो शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि सीबीआई ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले का स्वतः संज्ञान लिया। आरोपित की तलाश में बांदा पहुंची। पता चला कि आरोपित रामभुवन किसी मामले में जेल में बंद है। रामभुवन ने पूछताछ में चंदौली केे अजय सिंह और अविनाश सिंह का नाम बताया। अविनाश एक निजी आईटीआई कालेज का संचालक भी है। इसके बाद सीबीआई चंदौली के दोनों आरोपितों तक पहुंच गई। दोनों पिछले तीन से चार वर्षों से इस घिनौने काम में लिप्त थे। अपने आस पास के तीन गरीब बच्चों को अपना शिकार बना चुके थे। चाकलेट और वीडियो गेम का लालच देकर उनके साथ गलत काम करते और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते थे। वीडियो गेम खेलने के लालच और मार के डर से बच्चों ने परिजनों तक को यह बात नहीं बताई थी। सीबीआई टीम ने परिजनों की मौजूदगी में बच्चों से पूछताछ की तो उन्होंने डरते-डरते पूरी बात बता दी। बच्चों को फोटो दिखाकर आरोपियों की पहचान भी करवाई गई। अधिवक्ता शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि सभी पीड़ित आठ से लेकर 12 वर्ष तक के हैं। 20 अगस्त को सभी आरोपितों की चंदौली पाक्सो कोर्ट में पेशी होनी है।

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