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चंदौलीसंस्कृति एवं ज्योतिष

रक्षाबंधन को लेकर उहापोह, जानिए कब है शुभ मुहुर्त, कब बंधवा सकते हैं राखी

चंदौली। रक्षाबंधन को लेकर इस बार उहापोह की स्थिति बरकरार है। पूर्णिमा तिथि के साथ भद्रा लगने से इस काल में राखी बंधवाना निषिद्ध माना जा रहा है। ऐसे में 11 व 12 अगस्त को रक्षाबंधन को लेकर ज्योतिषविदों की अपनी राय है।

 

अखिल भारतीय प्रयाग पंडित सभा की ओर से इस पर सुझाव दिए गए हैं। ज्योतिषाचार्य डा. रामचंद्र शुक्ला व राममिलन मिश्र के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा तिथि और भद्रा व्याप्ति के अनुसार अनुकूल समय न प्राप्त होने से समाज में प्रायः रक्षाबंधन के समय में विवादित स्थिति उत्पन्न हो गयी है। पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त बृहस्पतिवार को प्रातः 9:35 से 12 अगस्त शुक्रवार को प्रातः 7:17 बजे तक व्याप्त है। इसमें पूर्णिमा प्रारंभकाल से अर्थात् सुबह 9:35 से भद्रा भी प्रारंभ होकर रात में 8:25 बजे तक रहेगा।

ज्योतिषाचार्य डा. रामचंद्र शुक्ला

 

भद्रा में वर्जित कार्य

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भद्रा में श्रावणी उपाकर्म अथवा  रक्षाबंधन तथा  होलिकादाह नहीं करना चाहिए। भद्रा में रक्षाबंधन करने से राजा को हानि होती है और भद्रा में होलिका दहन करने से गांव में अग्नि लगने का भय होता है, इस सिद्धांत से रक्षाबंधन या श्रावणी उपाकर्म  भद्रा में नहीं करना चाहिए।

 

क्या रात्रि में रक्षाबंधन करना चाहिए

बताया कि निर्णयामृत ग्रंथ  के अनुसार भद्रा का अंत यदि रात्रि में हो रहा हो तो, रात्रि में ही रक्षाबंधन करना चाहिए। इस प्रकार रात्रि में रक्षाबंधन किया जा सकता है, इसमें कोई अवरोध नहीं है। बताया कि भद्रा परिहार का अनुपालन करते हुए 11 अगस्त को 12 बजे दिन के बाद (अपराह्न शुभदा भद्रा के अनुसार ) से रक्षाबंधन किया जा सकता है।

 

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