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वाराणसी : पं दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड योजना में मिला पहला स्थान, स्वास्थ्य विभाग में खुशी की लहर

वाराणसी। जनपद की चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का ही नतीजा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ स्थान मिला है। कायाकल्प अवार्ड योजना के वर्ष 2022-23 के लिए डीडीयू चिकित्सालय ने अंतिम चरण में 93.7 परसेंट अंक हासिल कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही जनपद के तीन अन्य राजकीय चिकित्सालयों एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, जिला महिला चिकित्सालय और लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर ने भी कायाकल्प अवार्ड हासिल किया है।

डॉ आरपी सोलंकी ने कायाकल्प अवार्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
कमिश्नर और जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग सहित चिकित्सालयों के सभी स्टाफ की सराहना की और भविष्य में इसी तरह के कार्यों की अपेक्षा की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि चिकित्सालयों, पीएचसी, सीएचसी में गुणवत्तापूर्वक सुधार के लिए डॉ आरपी सोलंकी ने कायाकल्प अवार्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने बताया कि पं दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को कायाकल्प अवार्ड योजना (2022-23) के अंतिम चरण में 93.70 प्रतिशत अंक मिले। इससे पूर्व पहले चरण (इंटरनल असेस्मेंट) में 90 फीसदी अंक व दूसरे चरण (राज्य स्तरीय पीयर असेस्टमेंट) में 92 प्रतिशत अंक मिले।

कबीरचौरा अस्पताल और रामनगर के LBS अस्पताल को मिला कायाकल्प अवार्ड
प्रदेश में प्रथम स्थान आने पर डीडीयू चिकित्सालय को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही डीडीयू चिकित्सालय को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) के लिए नामित किया गया है। वहीं दूसरी ओर जिला महिला चिकित्सालय को अंतिम चरण में 79.72 फीसदी, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय को 72.53 फीसदी और एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय को 71.71 प्रतिशत अंक मिले हैं।

तीनों अस्पताल को मिली 3-3 लाख की धनराशी
इन तीनों चिकित्सालयों को तीन-तीन लाख रुपये की धनराशि भी आवंटित की जाएगी, जिससे चिकित्सालय में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जा सके। इसके साथ ही पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को सातवीं बार, जिला महिला चिकित्सालय को दूसरी बार, एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय को पाँचवीं बार और एलबीएस चिकित्सालय को पहली बार कायाकल्प अवार्ड हासिल हुआ है।

3 फेज़ में होना पड़ता है पास
कायाकल्प अवार्ड योजना की प्रक्रिया- किसी भी स्वास्थ्य इकाई को कायाकल्प योजना में पुरस्कृत होने के लिए तीन चरणों से गुजरना होता है। पहले चरण में चिकित्सालय के कर्मचारी और जिला क्वालिटी टीम चिकित्सालयों का मूल्यांकन करती है जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर राज्य की ओर से नामित दूसरे जिले की क्वालिटी टीम उसका क्रास वेरीफिकेशन अर्थात पीयर असेस्मेंट करती है।

इसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर उसका अंतिम मूल्यांकन किया जाता है जिसमें 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने पर प्राप्त अंकों के आधार पर राज्य स्तर पर रैंकिंग तैयार की जाती है। इन सात बिन्दुओं पर प्रतिभाग करने वाली स्वास्थ्य इकाईयों का मूल्यांकन किया जाता है।

इसके लिए 600 अंक निर्धारित हैं। यथा-चिकित्सालय का रखरखाव (100 अंक), साफ-सफाई (100 अंक), बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (100 अंक), संक्रमण नियंत्रण (100 अंक), सहयोगी सेवाएं (50 अंक), साफ-सफाई के प्रति जागरूकता (50 अंक) तथा समुदाय से सम्पर्क (100 अंक) है।

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