चंदौली। समाजवादी चिंतक व पूर्व सैनिक सपा नेता अंजनी सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मांग की है कि सरकार गांव-गांव धान क्रय की व्यवस्था सुनिश्चित करे ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने को कहीं भटकना न पड़े। कहा की भाजपा सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। सरकार वर्षों से किसानों की आय दोगुना करने की बात कह रही है लेकिन किया उल्टा। किसानों को गेहूं का मूल्य दो हजार से 22 सौ प्रति क्विंटल के आस पास मिलना चाहिए था। लेकिन किसान 13 से 14 सौ रुपये प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर हुआ। धान खरीद का आलम यह है की सरकारी खरीद अभी तकरीबन शून्य है। जनपद के पीसीएफ के केंद्र ज्यादातर पिछले सीजन में ही गबन के आरोप में बंद कर दिए गए। एग्रो, सीसीएफ सहित अन्य एजेंसियां कागजों में तो खोल दी गईं लेकिन उनको भी लिमिट मोड में रखा गया है। किसान धान कहां से बेचे किसानों को बेवजह नियमों के बंधन में फांस दिया गया है। किसान रजिस्ट्रेशन के लिए चक्कर काट रहा है। ज्यादातर किसानों को एजेंसियों व उनके संचालक तक का पता नहीं है। भाजपा सरकार अगर वास्तव में किसानों का हित चाहती है तो सबसे पहले यह आदेश करे की सरकार के जितने भी उपक्रम हैं वह गांव-गांव जाकर किसानों की मर्जी अनुरूप धान की तौल करें और उन्हें निर्धारित एमएसपी के आधार पर पूरा भुगतान करें।
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