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चंदौली : पशुओं में लंपी बीमारी को लेकर प्रशासन अलर्ट, बाहरी पशुओं के जिले में प्रवेश पर रोक, बना कंट्रोल रूम  

चंदौली। राजस्थान समेत देश के कई प्रांतों में पांव पसार रहे पशुओं में होने वाले त्वचा रोग लंपी को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिले में बाहरी पशुओं को ले आने पर रोक लगा दी गई है। वहीं पशुपालकों की मदद के लिए कंट्रोल रूम स्थापित कर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। पशुपालन विभाग ने इसको लेकर पशुपालकों को जागरूक करने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एके वैश्य ने पशुपालकों को जरूरी सुझाव दिए हैं। साथ ही पशुओं की सही ढंग से देखभाल करने और लंपी के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल सूचित करने की अपील की है। ताकि समय रहते उनका उपचार किया जा सके।

 

जानिए क्या है लंपी

सीवीओ ने बताया कि यह एक विषाणु जनित संक्रामक बीमारी है, जो गाय और भैस में फैलती है। मक्खी, मच्छरों के काटने से बीमारी का प्रसार होता है। बीमारी से ग्रसित पशुओं को हल्का बुखार, पूरे शरीर पर जगह-जगह नोड्यूल (गाठों का उभरना) दिखाई देते हैं। इसमें पशुओं की मृत्यु दर एक से पांच फीसद तक होती है।

 

बीमारी के रोकथाम व नियंत्रण के उपाय

बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना। पशुओं को मक्खी, मच्छर आदि से बचाना और पशुशाला की नियमित सफाई करते रहना बेहद जरूरी है। पशुओं के शरीर में संक्रमित स्थान की दिन में कई बार फोरमेलिन, ईथर, क्लोरोफार्म अथवा एल्कोहन से सफाई करना चाहिए। संक्रमित पशुओं को संतुलित आहार व हरा चारा दें। यदि पशु की मृत्यु हो जाए तो उसे गहरा गड्ढा खोदकर दफनाएं।

 

कैसे रोकें संक्रमण

आंवला, अश्वगंधा, गिलोय व मुलेठी में किसी एक की 20 ग्राम मात्रा का गुड़ के साथ लड्डू बनाएं और सुबह-शाम पशु को खिलाएं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते एक मुट्ठी, दालचीनी और सोंठ पाउडर पांच-पांच ग्राम, काली मिर्च 10 नग को गुड़ में मिलाकर सुबह-शाम खिलाएं। पशुशाले में गोबर के कंडे में गूगल, कपूर, नीम के सूखे पत्ते और लोबान डालकर धुआं करें। पशुओं को नहलाने के लिए 25 लीटर पानी में एक मुट्ठी नीम की पत्ती का पेस्ट और 100 ग्राम फिटकरी मिलाकर प्रयोग करें। इससे स्नान के बाद पशु के शरीर को साफ पानी से धुल दें।

 

काम आएगी देसी औषधि

नीम और तुलसी के पत्ते एक-एक मुट्ठी, लहसुन की कली, लौंग व काली मिर्च 10-10 नग, जीरा 15 ग्राम, हल्दी पाउडर 10 ग्राम और नारियल तेल आधा किलो मिलाकर धीरे-धीरे पकाएं। ठंडा होने के बाद नीम की पत्ती में उबालकर घाव को साफ कर इस पर औषधि का लेप लगाएं।

 

हेल्पलाइन नंबर अथवा चिकित्सक से करें संपर्क

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि पशुपालकों की मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। पशुपालक हेल्पलाइन नंबर 9792961830 व 8840688479 पर फोन कर सलाह ले सकते हैं। पशुओं में लंपी के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क कर चिकित्सकों की सलाह लें।

 

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