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बाहुबली बृजेश सिंह का पीछा नहीं छोड़ रहा उसरी चट्टी कांड, न्यायालय से मिल रही तारीख पर तारीख

चंदौली/गाजीपुर। तकरीबन 14 साल बाद अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा हुए बाहुबली पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह के लिए गाजीपुर का चर्चित उसरी चट्टी कांड गले की फांस बना हुआ है। यही एक मामला है जो आने वाले दिनों में बृजेश सिंह की मुश्किलें बढ़ा सकता है। बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी इसमें वादी हैं। जबकि बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह सहित 15 आरोपी बनाए गए हैं। उसरी चट्टी मामले में न्यायालय में लगातार सुनवाई चल रही है। रिहाई के बाद बृजेश सिंह को दो दफा न्यायालय में हाजिर होना पड़ा है। मंगलवार को भी गाजीपुर कोर्ट में मामले को लेकर जिरह हुई। बृजेश सिंह भी कोर्ट में मौजूद रहे जबकि त्रिभुवन सिंह बजरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग कार्यवाही में शामिल हुए। गवाह रमेश राम की दो से ढाई घंटे तक जिरह हुई। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एमपी एमएलए कोर्ट ने अगली तारीख 13 सितंबर मुकर्रर की है।

जानिए उसरी चट्टी कांड के बारे में
15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी अपने वाहन से निर्वाचन क्षेत्र मऊ जा रहे थे। उसरी चट्टी के पास पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने अत्याधुनिक असलहों से मुख्तार अंसारी के काफिले पर फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से ताबड़तोड़ गोलियां चलीं। इसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर और रुस्तम उर्फ बाबू की मौत हो गई। जबकि हमलावरों में से भी एक मारा गया। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह सहित 15 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाहुबली बृजेश सिंह भले ही जेल से बाहर आ गए हों लेकिन उसरी चट्टी कांड का भूत अभी भी उनका पीछा नहीं छोड़ रहा। बृजेश सिंह का भविष्य न्यायालय के फैसले पर निर्भर है। बृजेश सिंह का दाहिना हाथ कहे जाने वाले त्रिभुवन सिंह जहां मिर्जापुर जेल में बंद हैं वहीं मुख्तार अंसारी बांदा जेल में हैं। मुख्तार अंसारी कोर्ट को अर्जी दे चुके हैं कि उनसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही न्यायालय की कार्यवाही में शामिल किया जाए। इसे मुख्तार अंसारी के भीतर बैठे खौफ से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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