
चंदौली। फल व सब्जी विक्रेताओं के लिए भी खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बगैर दुकान संचालित करने वाले दुुकानदार कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। अपर जिलाधिकारी अतुल कुमार ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में अधिकारियों को नए नियम के बाबत जानकारी देने के साथ ही अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
एडीएम ने कहा कि सब्जी, फल विक्रेताओं के साथ ही कोटेदारों को भी लाइसेंस व पंजीकरण के दायरे में लाया जाए। इनके दुकानों की समय-समय पर जांच की जाए। ताकि लोगों को शुद्ध व ताजी सब्जियां व फल मिल सकें। मानकों की अनदेखी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करें। दूध व इससे बनने वाले खाद्य पदार्थों का सैंपल लिया जाए। जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद लें। नमूना संकलन में गुणवत्ता और विविधता पर विशेष ध्यान दें। दशहरा पर्व के मद्देनजर छापेमारी अभियान को तेजी लाएं। इसके लिए तहसीलवार अलग-अलग टीमों का गठन किया जाए। घूमकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों को सफाई के लिए जागरूक करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेताया कि प्रवर्तन की कार्रवाई के दौरान किसी भी दुकानदार अथवा खाद्य पदार्थ विक्रेता का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। इसकी शिकायत मिली तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है। उन्होंने कोटेदारों का पंजीकरण कराने पर भी जोर दिया। जिला पूर्ति विभाग के प्रतिनिधि ने भरोसा दिलाया कि इसको लेकर विभाग की ओर से सभी कोटेदारों को निर्देश जारी किया जाएगा। लाइसेंस न लेने वाले कोटेदारों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन कार्रवाई करेगा। एक अक्टूबर से खाद्य कारोबार से जुड़ी संस्थाओं व कारोबारियों के लिए एफएसएसएआइ (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया) के निर्देश के तहत बिल अथवा कैशमेमो पर दुकान का पंजीकरण नंबर अंकित करना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इससे दुकानदारों पर शिकंजा कसेगा।