
चंदौली। संयुक्त बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने डीएम कार्यालय के गेट को जाम कर सरकार विरोधी नारेबाजी की और अधिवक्ता अधिकारों के हनन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार के हालिया विधेयक में तमाम संशोधन किए गए हैं, जो अधिवक्ताओं के हितों के खिलाफ हैं। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों से अवगत कराया।
अधिवक्ताओं के अधिकारों पर हमला: विनय सिंह
सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह ने कहा कि अधिवक्ता समाज में न्याय की आखिरी उम्मीद होते हैं। पीड़ित जनता, जिसे किसी भी मंच से न्याय नहीं मिलता, उसे वकीलों पर भरोसा होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एक सुनियोजित साजिश के तहत अधिवक्ताओं के अधिकारों पर रोक लगाने का प्रयास कर रही है।
युवा अधिवक्ताओं के भविष्य पर संकट: अमरेंद्र सिंह
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह ने सरकार द्वारा पारित विधेयक पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह विधेयक खासकर युवा अधिवक्ताओं के भविष्य के लिए घातक है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार अधिवक्ताओं के अधिकारों को कुचलने का प्रयास करेगी, तो इसका गंभीर परिणाम हो सकता है। अधिवक्ता समाज हमेशा से सक्रिय और समाज के हर वर्ग से जुड़ा रहा है, और यदि सरकार उनके खिलाफ कोई कदम उठाती है तो इसका भारी विरोध होगा।
अधिवक्ताओं ने डीएम की अनुपस्थिति में एडीएम सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा और सरकार से तुरंत इस विधेयक को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन में गौरव सिंह, चंद्रभान सिंह, शमशुद्दीन, शैलेंद्र सिंह, झंमेजय सिंह, राकेश रत्न तिवारी, डॉ. वीरेंद्र प्रताप सिंह, शैलेंद्र पांडेय, चंदन सिंह सहित कई अधिवक्ता शामिल रहे। अधिवक्ताओं ने साफ कर दिया कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।