चंदौली। मुगलसराय तहसील क्षेत्र के परोरवा गांव में सर्व ब्राह्मण हितकारणी समिति की ओर से भगवान विष्णु के छठवें अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम की जयंती मनाई गई। इस दौरान उनके चित्र पर माल्यार्पण के साथ ही हवन-पूजन और मंत्रोच्चार किया गया।
भाजपा नेता सूर्यमुनी तिवारी ने कहा कि परशुराम राजा प्रसेनजित की पुत्री रेणुका और जमदग्नि के पुत्र थे। वे विष्णु के अवतार और शिव के परम भक्त थे। उन्हें भगवान शिव से विशेष परशु प्राप्त हुआ था। इनका नाम तो राम था पर शंकर द्वारा प्रदत्त अमोघ परशु को सदैव धारण किए रहने से ये परशुराम कहलाते थे। परशुराम भगवान विष्णु के दस अवतारों में से छठे अवतार थे, जो वामन एवं रामचंद्र के मध्य में गिने जाते हैं। जमदग्नि के पुत्र होने के कारण इन्हें जामदग्न्य भी कहते हैं। कहा इनका जन्म अक्षय तृतीया (वैशाख शुक्ल तृतीय) को हुआ था। इसीलिए आज का दिन वृत रखने व उत्सव मनाने की प्रथा है। परशुराम का जन्म अहंकारपूर्ण दमन से विश्व को मुक्ति दिलाने के लिए हुआ था। संस्कार जीवन को बहुमूल्य बनाता है भगवान परशुराम के चरित्र को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस दौरान रामप्रकाश दूबे, श्रीराम द्विवेदी, दिनेश मिश्रा, निर्मल मिश्रा, दरोगा पाठक, संजय पाण्डेय, शैलेंद्र पाण्डेय,मधुकर पाण्डेय, राजेंद्र पाण्डेय, अनिल ओझा, शरद तिवारी, सुनील पाण्डेय, चंद्रशेखर पाठक, रामाज्ञा पाण्डेय, झगडू चौबे, कैलाश पाण्डेय, हरिद्वार मिश्रा, महेंद्र पाण्डेय, कृष्णानंद पाण्डेय, हरिवंश उपाध्याय , विजेंद्र मिश्रा, कामेश्वर तिवारी, विनय तिवारी , अरुण मिश्रा, बद्रीनारायण तिवारी, पारसनाथ तिवारी, नंद कुमार पाण्डेय, अवधेश पाण्डेय, राजेंद्र पाण्डेय, अजय पाण्डेय, रंजय पाण्डेय, राजेंद्र तिवारी, चिंतामणि तिवारी आदि रहे। अध्यक्षता पंडित शिवलोचन मिश्रा व संचालन पंडित राजेंद्र पाण्डेय ने किया।
ब्रह्मर्षि समाज ने मनाया परशुराम जन्मोत्सव
उधर ब्रह्मर्षि समाज की ओर से भी प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी “भगवान परशुराम का जन्मोत्सव” अध्यक्ष शिवगोविंद राय के आवास पर आयोजित हुआ। ब्राह्मण द्वारा मंत्रोच्चारण कर पूजा प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के समापन पर संस्था की ओर से डाक्टर उमाशरण पाण्डेय, संजय राय, डा.पीएच राय एवं जयनाथ शर्मा ने विचार व्यक्त किए।