fbpx
अजब-गजब / वायरल वीडियोचंदौलीराज्य/जिला

चंदौलीः देखिए कैसे मरने के बाद हुई संत की महाआरती, 100 वर्ष की आयु में हुआ निधन

संवाददाताः मुरली श्याम

चंदौली। भारत संत परंपरा का देश है। लोग संतों और महापुरुषों में भगवान की तरह आस्था रखते हैं। आस्था का ऐसा ही चटख रंग चकिया क्षेत्र के भूसिया गांव में देखने को मिला। विख्यात संत गंभीर दास जी का तकरीबन 100 वर्ष की आयु में शुक्रवार की रात निधन हो गया। सूचना पाते ही शोक की लहर दौड़ पड़ी। बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग मौके पर पहुंच गए। अंतिम यात्रा से पहले मृत संत की महाआरती हुई।


संत गंभीर दास जी ने करीब 12 वर्ष तक राजदरी में कठोर साधना की। ये कबीरपंथी निर्गुण शाखा के महान संत थे। इन्होंने भूसिया गांव में आश्रम बनाया था, जहां हमेशा भक्तों का आना-जाना लगा रहता था। भक्तों का कल्याण भी करते रहे। दावा है कि इनके तकरीबन 50 हजार से अधिक अनुयायी हैं। लोगों का यह भी कहना है कि इन्होंने 100 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली थी। शुक्रवार की रात्रि में इन्होंने शरीर त्याग दिया। अंतिम यात्रा में संतोष साहेब, मोहन साहेब, त्रिभुवन साहेब, जिलाजीत यादव, रामनंदन साहेब, राजेंद्र साहेब, पारस साहेब सहित सैकड़ों भक्त शामिल हुए।

Back to top button
error: Content is protected !!