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राजनीतिराज्य/जिलावाराणसी

बनारस में लगा कफन का सेल, वजह बेहद दिलचस्प


वाराणसी। दुष्कर्म की एक के बाद एक घटित घटनाओं ने आमजन को झकझोकर कर रख दिया है। लचर कानून व्यवस्था के प्रति आमजन के मन में भारी आक्रोश पनप रहा है। सरकार को जगाने के लिए विरोध के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को कैंट चैराहा पर हरीश मिश्रा के नेतृत्व में हाथरस गुड़िया कांड के विरोध में कफन का सेल लगाया गया। आंदोलनकर्ताओं ने कहा कि सेल योगी सरकार की नाकामी का वह प्रतीक हैं जिसे देख कर मनुष्य की आत्मा रो रही हैं। प्रदेश के लोगों के लिए संदेश है कि सरकार से सवाल करने में डरते हैं, जो मन में छिपी कायरता को दर्शाता है। कहा जबसे भाजपा सरकार आई है कफन के धंधे में तेजी आई है लोग कभी नोटबन्दी में मरते हैं तो कभी सीएए और एनआरसी के विरोध में कभी कोरोना जैसी आपदा में बिना इलाज मरते है तो कभी दुराचार से मासूम बच्चियों की मौत होती है। चारांे तरफ लोग मर रहे हंै कोई बेरोजगारी में मर रहा है तो कोई भुखमरी से जिससे यह साबित होता है प्रदेश में सारे उद्योग धंधे से ज्यादा कफन का धंधा आसमान छू रहा है। बलरामपुर, बुलंदशहर, आजमगढ़ में दुष्कर्म की घटनाओं की भत्र्सना की गई। निक्की यादव, मणीन्द्र मिश्रा मंटू , अतुल राज पांडेय, रंजीत सेठ, रविन्द्र वर्मा, देवी प्रसाद यादव, आकाश बाल्मीकि, आदित्य कुमार, जगदीश कन्नौजिया, आदर्श सैनी, अभिषेक गुप्ता, रितेश यदुवंशी, गोपाल गुप्ता, रफीक खान, अजय सरोज, हिमांशु राठौर शामिल थे।

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