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पांच दफा विधायकी का चुनाव लड़े सपा के प्रभुनारायण यादव के साथ जुड़ा है अजब संयोग, क्या इस बार बदलेगी किस्मत

चंदौली। समाजवादी पार्टी ने सकलडीहा विधायक को लगातार छठवीं दफा टिकट देकर मैदान में उतारा है। 1996 से लेकर 2017 के बीच पांच दफा विधायकी का चुनाव लड़ने वाले प्रभुनारायण यादव पर सपा ने लगातार छठवीं बार भरोसा जताया है। हालांकि सकलडीहा विधायक के साथ एक ऐसा संयोग जुड़ा है जिसे वह शायद ही याद रखना चाहेंगे। दरअसल प्रभुनारायण यादव जब भी विधान सभा का चुनाव जीते सूबे में सपा की सरकार नहीं बनी। अलबत्ता चुनाव हारे तो सत्ता में सपा रही।

प्रभुनारायण यादव जब जीते विपक्ष में रही सपा
सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव पहली दफा 1996 में सपाके टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक बने। तक यूपी की सत्ता पर बसपा काबिज हुई। इसके बाद 2002 में प्रभुनारायण यादव दूसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बने। तब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और राजनाथ सिंह यूपी के सीएम थे। इसके बाद 2007 के चुनाव में प्रभुनारायण बसपा उम्मीदवार सुशील सिंह से चुनाव हार गए। हालांकि तब बसपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई थी। इसके बाद बारी आई 2012 विधान सभा चुनाव की। प्रभुनारायण यादव लगातार दूसरी बार सुशील सिंह से चुनाव हारे। लेकिन प्रदेश में सरकार सपा की बनी और अखिलेश यादव ने सूबे की बागडोर संभाली। 2017 में सत्रहवीं विधान सभा चुनाव में किस्मत और जनता ने प्रभुनारायण यादव का साथ दिया और तीसरी बार विधायन बने। लेकिन सपा सत्ता से बाहर हो गई और बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ यूपी की सत्ता में वापसी की। इस बार फिर सपा के टिकट से प्रभुनारायण यादव मैदान में हैं। देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव परिणाम और विधायक की किस्मत का कनेक्शन क्या रंग दिखाता है।

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