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बिजली कर्मचारियों का हल्ला बोल, कहा महंगी बिजली को तैयार रहें उपभोक्ता

वाराणसी। निजीकरण के विरोध में गुरुवार को बिजली कर्मचारियों ने वाराणसी के भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर यहां बडी संख्या में जुटे बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों व अभियन्ताओं ने विरोध सभा कर निजीकरण को गलत ठहराया। इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने निजीकरण के विरोध में एकजुट होकर मैदान में उतरने तथा पांच अक्टूबर से पूरे दिन चलने वाले कार्य बहिष्कार को सफल बनाने का आह्वान किया। इस दौरान शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर मशाल जुलूस निकाल रहे बिजली कर्मियों की गिरफ्तारी की घोर निंदा की गई।
लामबंद कर्मचारियों ने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम अरबों खरबों रुपए की सार्वजनिक क्षेत्र की पॉवर कारपोरेशन की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल किसी भी कीमत पर निजी घरानों को हस्तांतरित नहीं होने देंगे। निजी कंपनी अधिक राजस्व वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्राथमिकता पर बिजली देगी जैसा कि ग्रेटर नोएडा और आगरा में हो रहा है। निजी कंपनी 10.12 रुपए प्रति यूनिट से कम किसी उपभोक्ता को बिजली नहीं देगी। अभी किसानों व गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को पॉवर कारपोरेशन घाटा उठाकर बिजली देता है, जिसके चलते इन उपभोक्ताअें को 3.4 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली मिल रही है। अब निजीकरण के बाद स्वाभाविक तौर पर इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली मंहगी होगी। संघर्ष समिति द्वारा निजीकरण के विरोध में चलाए जा रहे इस आंदोलन को गुरुवार को विद्‍युत मजदूर संगठन ने अपना पूर्ण समर्थन दिया और कहा कि निजीकरण रुपी राक्षस के खिलाफ चल रही लड़ाई को संघर्ष समिति के साथ मिलकर लड़ेंगे ।
सभा की अध्यक्षता ई चंद्रेशखर चैरसिया एवं संचालन जिउतलाल ने किया। सभा को आरके वाही, डा. आरबी सिंह, ई एके सिंह, ई सुनील यादव, ई. नीरज बिन्द, मदन लाल श्रीवास्तव, रमन श्रीवास्तव, वेदप्रकाश राय, प्रवीण सिंह आदि ने संबोधित किया।

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