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चंदौलीप्रशासन एवं पुलिस

बैठक से गायब अभियंता को कारण बताओ नोटिस, शासन को पत्र भेजने की चेतावनी, सीडीओ ने लापरवाही पर लगाई फटकार

चंदौली। विकास कार्यों की समीक्षा बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें सीडीओ अजितेंद्र नारायण ने जिले में निर्माणाधीन 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं की प्रगति को लेकर चर्चा की। बैठक में अनुपस्थित रहने पर सीएनडीएस यूनिट सोनभद्र के अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही ट्रांजिट हास्टल निर्माण की सुस्त रफ्तार पर पीडब्ल्यूडी अभियंता के खिलाफ शासन को पत्र भेजने की चेतावनी दी।

 

सीड़ीओ ने कहा कि जिले में निर्माणाधीन परियोजनाओं को समस्त एजेसियां तत्काल पूर्ण कराएं। निर्माणाधीन कार्य की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। तकनीकी टीम समय-समय पर इसकी जांच करती रहे। महामाया पॉलिटेक्निक धानापुर के निर्माण की भौतिक प्रगति 83 प्रतिशत पाई गई। सीडीओ ने अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश कार्यदाई संस्था सीएनडीएस को दिए। कहा काफी पहले से परियोजना चल रही है। इसमें यदि और विलंब हुआ तो अभियंता के खिलाफ शासन को पत्र भेजा जाएगा। तहसील सदर चंदौली का निर्माण कार्य 90% पूर्ण हो चुका है। अवशेष कार्यों को तेजी से पूर्ण कराकर भवन हैंडओवर कराने का निर्देश दिया। तहसील सकलडीहा में निर्माणाधीन अग्निशमन केंद्र की भौतिक प्रगति लगभग 70 प्रतिशत है।  जून 2022 तक परियोजना पूर्ण होनी थी, लेकिन प्रगति असंतोषजनक पाए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कार्य को तेज गति से पूर्ण कराने के निर्देश दिया। कहा कि बाबा कीनाराम अघोरपीठ मठ में समेकित पर्यटन विकास एवं मल्टीपरपज हाल एवं सांस्कृतिक पंडाल के कार्य की परियोजना की समीक्षा के दौरान अपेक्षित प्रगति नहीं है। इसे तेजी से पूर्ण कराया जाए। राजकीय इंटर कॉलेज नियमताबाद के निर्माण की प्रगति धीमी पाई गई। अभी तक मात्र 25 प्रतिशत की भौतिक प्रगति है जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अपेक्षित प्रगति लाए जाने के निर्देश कार्यदाई संस्था यूपीआरएनएन को दिए। सेतु निगम के अभियंता को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में निर्माणाधीन सेतुओं/ ऊपरगामी सेतुओं को अपेक्षित प्रगति लाते हुए टाइमलाइन के साथ पूर्ण किया जाए। जनपद मुख्यालय पर 30 यूनिट ट्रांजिट हॉस्टल भवन निर्माण की प्रगति मात्र 50 प्रतिशत पाई गई।  बार-बार निर्देश देने के बावजूद भी कार्य प्रगति पर नहीं है। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित पीडब्ल्यूडी के अभियंता के खिलाफ शासन को पत्र निर्गत करने की चेतावनी दी। डीआईओएस डा. वीपी सिंह के साथ कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

 

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