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संस्कृति एवं ज्योतिष

Narak Chaturdashi 2022 : धन लाभ के साथ ही दूर होगा मृत्यु का भय, करें ये उपाय

हर साल दिवाली से पहले कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को हम छोटी दिवाली, रूप चौदस या रूप चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध किया था। इसी के साथ हिन्दू मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन का महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए हैं जिन्हें करने से आर्थिक समृद्धि मिलने के साथ ही भय, पाप व दुखों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी के कौन से उपाय हैं जो आपके जीवन को संवारने का काम करेंगे।

मां लक्ष्मी करेगी घर में प्रवेश

इस दिन निशीथ काल (अर्धरात्रि का समय) में घर से बेकार के सामान फेंक देना चाहिए। इस परंपरा को दारिद्रय नि: सारण कहा जाता है। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के अगले दिन दीपावली पर लक्ष्मी जी घर में प्रवेश करती हैं, इसलिए दरिद्रय यानि गंदगी को घर से निकाल देना चाहिए।

भय से मिलेगी मुक्ति

छोटी दिवाली के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और इसलिए इस दिन को यम के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घर में हर जगह दीपक जलाएं। नर्क चतुर्दशी के दिन एक पात्र में तिल वाला जल भरें और दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके यमराज का तर्पण करें। शाम के समय यमराज के लिए भी दीपदान करें। माना जाता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।

नकारात्मक शक्तियां होगी दूर

नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जलाया जाता है। मान्यता है कि एक बड़ा सा दीपक जलाएं और उसको पूरे घर में घूमाकर, घर से कहीं दूर ले जाकर रख दें। ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।

मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

छोटी दिवाली के दिन कुल देवी-देवताओं की पूजा-पाठ करनी चाहिए और उनके साथ पितरों के नाम का भी दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से दीपक की रोशनी पितरों तक पहुंचती है और वे इससे प्रसन्न होते हैं। पितरों के प्रसन्न होने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय सभी देवताओं के पूजन के बाद तेल के दीपक जलाकर घर की चौखट के दोनों ओर, घर के बाहर और कार्य स्थल के प्रवेश द्वार पर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी सदैव घर में निवास करती हैं।

धन व समृद्धि की होगी प्राप्ति

नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर मोक्ष दिलाया था, इसलिए भी इस दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी माना जाता है। इसके साथ ही गायों की सेवा करें और उनके घर के बाहर बुलाकर हरा चारा खिलाएं और आशीर्वाद लें। ऐसा करने से धन व समृद्धि की प्राप्ति होती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

होगी सौन्दर्य की प्राप्ति

नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है इसलिए इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तिल्ले के तेल से शरीर की मालिश करनी चाहिए और पानी में चिरचिरि के पत्ते डालकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद घर के पास के विष्णु या कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है और सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।

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