
चंदौली। जिले के चकरघटृटा थाना क्षेत्र के गंगापुर वन चाौकी पर बुधवार की शाम 40 से 50 की संख्या में वनवासियों ने धावा बोल दिया। उग्र वनवासी महिलाओं ने चाौकी पर खड़ी वन रक्षकों की दो मोटरसाइकिल तोड़ने के बाद उन्हें जलाने की भी कोशिश की। इस दौरान वन रक्षक और दारोगा सिर पर पैर रख भाग खड़े हुए। दरअसल राजस्व विभाग ने गलती से वन विभाग की जमीन वनवासियों को आवंटित कर दी। मुख्यमंत्री आवास निर्माण के लिए सामग्री गिराई जा रही थी। वन विभाग के कर्मचारियों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने रोकटोक की। इसी बात पर नाराज वनवासियों ने जमकर बवाल किया। चेतावनी दी कि यदि आवास निर्माण का काम रोका गया तो चाौकी को आग के हवाले कर देंगे। चकरघट्टा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला और लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया।
ग्राम पंचायत गंगापुर में 40 भूमिहीन वनवासियों को मुख्यमंत्री आवास स्वीकृत किया गया है। अधिकांश लाभार्थियों के खाते में पहली किश्त भी आ चुकी है। विगत दिनों डीएम ने वनवासियों को आवास निर्माण के लिए ग्राम सभा की जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया। नौगढ़ तहसीलदार लेखपालों के साथ पहुंचे और ग्राम सभा की जमीन की मापी कराने की बजाए आरक्षित वन में कराए गए प्लांटेशन को ही गांव सभा की भूमि बताकर वनवासियों को आवंटित कर दिया। दरअसल काशी वन्यजीव प्रभाग रामनगर अंतर्गत मझगाई रेंज के गहिला वीट कंपार्टमेंट नंबर 7 में वर्ष 2018 में सामाजिक वानिकी योजना के तहत प्लांटेशन कराया गया है। राजस्व विभाग की ओर से जमीन आवंटित होने के बाद वनवासी मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कराने के लिए बिल्डिंग मटेरियल मसलन गिट्टी और बालू गिराने जा रहे थे कि वनकर्मी धमक पड़े और ऐसा करने से मना कर दिया। इतने पर ही वनवासी नाराज हो गए और 50 की संख्या में महिला, पुरुष और बच्चे वन विभाग की चाौकी पर पहुंचे और चारपाई, अनाज तथा बिस्तर सब तहस-नहस कर डाला। बाहर खड़ी दो मोटरसाइकिल को तोड़ डाला और जलाने की भी कोशिश की। वन दरोगा विजयी यादव भाग खड़े हुए और मामले की जानकारी विभाग के अधिकारियों को दी। वन क्षेत्राधिकारी इमरान खान की सूचना के बाद चकरघट्टा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह से मामले को संभाला। डीएफओ रामनगर दिनेश सिंह ने बताया कि मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। वनवासियों को गलत भूमि आवंटित की गई है। एसडीएम, तहसीलदार, रेंजर की मौजूदगी में दोबारा मापी कराई जाएगी।