चंदौली। होलिका दहन पूर्णिमा तिथि की रात्रि में होगा। इस बार दो दिन पूर्णिमा तिथि का भोग है। वहीं भद्राकाल भी है। इससे असमंजस की स्थिति है। ज्योतिषाचार्य होलिका दहन के लिए 17 मार्च की रात 10 बजकर 58 मिनट से लेकर दो बजकर 12 मिनट तक शुभ मुहुर्त मान रहे हैं। वहीं 18 तारीख को रंगभरी होली (फगुआ) होगा।
ज्योतिषाचार्य डाक्टर रामचंद्र शुक्ला बताते हैं कि 17 मार्च को दिन में एक बजकर दो मिनट तक चतुर्दशी तिथि है। इसके बाद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी। हालांकि दिन में दो बजकर दो मिनट से लेकर रात्रि 10 बजकर 57 मिनट का भद्राकाल का वास रहेगा। भद्रकाल में होलिका दाह शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए भद्रा समाप्त होने के बाद रात्रि 10 बजकर 58 मिनट से रात्रि दो बजकर 12 मिनट तक होलिका दहन के लिए भुभ मुहुर्त माना गया है। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार होलिका दाह के लिए यही समय शुभ व उत्तम है।