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चंदौली: प्रधानों की शिकायत के बाद महिला मनरेगा कोआर्डिनेटर ने खोली ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की पोल, लगाए गंभीर आरोप

चंदौली। मनरेगा अभी भी ग्राम पंचायतों में लूट खसोट का माध्यम बनी हुई है। अपात्रों को मजदूरी का भुगतान हो या जेसीबी के जरिए कार्य कराए जाने की शिकायत। आए दिन ऐसे मामले अधिकारियों तक पहुंचते रहते हैं। ताजा मामला नौगढ़ ब्लाक से जुड़ा है। जरहर, बसौली, देउरा, मगरही और अमृतपुर गांव के प्रधानों ने सीडीओ से मिलकर मनरेगा ब्लाक कोआर्डिनेटर पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप लगाया था। इसकी जांच भी बैठा दी गई है। अब चकिया ब्लाक की कोआर्डिनेटर आभा पांडेय ने ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

ब्लाक कोआर्डिनेटर ने लगाए गंभीर आरोप
चकिया ब्लाक की कोआर्डिनेटर आभा पांडेय को नौगढ़ ब्लाक के जरहर, बसौली, देउरा, मगरही और अमृतपुर गांव में सोशल आडिट की जिम्मेदारी मिली थी। आभा पांडेय का आरोप है कि ग्राम पंचायतों में कराए गए मरनेगा कार्यों में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। अधिकांश ग्राम पंचायतों में प्रधान की जगह प्रतिनिधि के तौर पर दबंग किस्म के लोगों के हाथ में बागडोर है। किसी की पत्नी प्रधान है तो किसी ने अपने खास को प्रधान बनाकर बागडोर अपने हाथ में ले रखी है। सोशल आडिट के दौरान प्रधान से मुलाकात ही नहीं हो पाती है। आभा पांडेय का आरोप है कि बसौली गांव में एक दिन की आडिट में गड़बड़ी मिलनी शुरू हुई तो प्रधान प्रतिनिधि बौखला गए। ग्राम रोजगार सेवक प्रधान के दबाव में अभिलेख ही उपलब्घ नहीं करा रहे थे, जिसकी शिकायत लिखित तौर पर खंड विकास अधिकारी से की। भ्रष्टाचार उजागर होने से बौखलाए प्रधानों व प्रतिनिधियों ने दबाव बनाने का प्रयास किया तथा ऑडिट को प्रभावित करने के उद्देश्य से मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। आभा पांडेय का कहना है कि एक दिन की आडिट के बाद ही वह चिकित्सकीय अवकाश पर चली गईं। इसी दौरान उक्त पांच गांवों के प्रधान और प्रतिनिधियों ने मुख्य विकास अधिकारी सो मिलकर मनगढंत आरोप लगा दिए।

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