वाराणसी। मौनी बाबा के परम शिष्य और मौनी बाबा आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्मचारी जी महाराज का मंगलवार की देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। ब्रह्मचारी जी महाराज की आयु 75 वर्ष थी। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। बुधवार को चौबेपुर में उनके आश्रम में उन्हें भू-समाधि दी जाएगी, जिसकी तैयारी चल रही है।
ब्रह्मचारी जी महाराज ने 12 साल तक यहां अखंड रामायण पाठ अनवरत कराया था और ख्याति प्राप्त की थी। इसके अलावा ब्रह्मचारी जी महाराज 4 करोड़ रुपए की लागत से गंगा किनारे चौबेपुर क्षेत्र में एक घाट का निर्माण भी करा रहे थे। जिसका शिलान्यास केंद्रीय मंत्री महेंद्र पांडेय ने किया था।
ब्रह्मचारी जी महाराज जी की भू समाधि मौनी बाबा आश्रम में दी जायेगी। अचानक दिल का दौरा पड़ने के बाद गांव के दुष्यंत सिंह मोनू, सुधीर सिंह उन्हें लेकर बीएचयू पहुंचे। प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने उन्हें डॉ. धर्मेंद्र जैन के अंडर में भर्ती कराया, जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
बता दें कि ब्रह्मचारी बाबा, मौनी बाबा के एक एकमात्र शिष्य थे। मौनी बाबा की कुटिया गौरा उपरवार में पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर हैं। उनके आश्रम में देश-विदेश के लोगों को जमावड़ा लगता था। गंगा किनारे पूरे दिन देश-दुनिया से आए लोगों की सेवा में तल्लीन रहने वाले ब्रह्मचारी जी महाराज के निधन से पूरे काशी में शोक की लहर दौड़ गई है।