- पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद और उलझ गई आरपीएफ जवानों की हत्या की गुत्थी
- पुलिस, क्राइम ब्रांच, फारेंसिक टीम, आरपीएफ और जीआरपी हत्याकांड के राजफाश में जुटी
- तीन प्रमुख पहलुओं पर जांच कर रहीं जांच एजेंसियां
चंदौली। डीडीयू मंडल के आरपीएफ आरक्षी प्रमोद कुमार और मोहम्मद जावेद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है। गहमर थाना प्रभारी के अनुसार रिपोर्ट में न तो किसी अतिरिक्त चोट की पुष्टि हुई है ना ही शरीर पर चाकू या किसी अन्य हथियार से वार के निशान मिले हैं। दोनों कर्मियों की मौत ट्रेन से गिरने से ही हुई है। लिहाजा पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने हत्या की गुत्थी को और उलझा दिया है। अब साफ है कि किसी विवाद के बाद दोनों आरक्षियों को चलती ट्रेन से नीचे फेंका गया है।
तीन प्रमुख पहलुओं पर जांच कर रहीं जांच एजेंसियां
पुलिस, क्राइम ब्रांच, फारेंसिक टीम, आरपीएफ और जीआरपी हत्याकांड के राजफाश में जुटी हैं । घटनावाली रात ट्रेन में सफर कर रहे रेल यात्रियों का फोन नंबर निकालकर पूछताछ की जा रही है। यह बात भी सामने आई है कि दोनों जवानों को जो सीट दी की गई थी वे उसपर नहीं बैठे थे। उन्होंने अपनी सीटों पर केवल बैग रखे थे। अब तक की पड़ताल में तीन प्रमुख वजहें सामने आई हैं। आरपीएफ के दो ट्रेंड जवानों को जबर्दस्ती ट्रेन से नीचे फेंकने में कम से कम आधा दर्जन लोगों के शामिल होने की आशंका है। सूत्रों की माने तो बाड़मेर गुवाहाटी एक्सप्रेस यानी घटना वाली ट्रेन में बड़ी संख्या में सेना के जवान यात्रा करते हैं। आशंका जताई जा रही है कि किसी बात को लेकर जवानों से आरपीएफ कर्मियों का विवाद हुआ होगा। इसके अतिरिक्त छेड़खानी और तस्करों की संलिप्तता के एंगल से पड़ताल की जा रही है। मृतकों के फोन भी गायब हैं। हालांकि बातचीत की सीडीआर निकाली जा चुकी है। महकमे के आलाधिकारी घटना के बाबत कुछ भी साफ नहीं बता पा रहे। वारदात आरपीएफ, जीआरपी के साथ पुलिस के लिए भी चुनौती बनी हुई है।