
चंदौली। गांव में सफाई के लिए नियुक्त सफाईकर्मी साफ-सफाई करने की बजाय अधिकारियों से मिलीभगत कर दफ्तरों में बाबू बनकर बैठ रहे हैं। शहाबगंज एडीओ पंचायत कार्यालय में पटल सहायक का काम करते सफाईकर्मियों का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। मामला संज्ञान में आने के बाद डीपीआरओ ब्रह्मचारी दुबे ने जांच कर कार्रवाई की बात कही।
एडीओ पंचायत कार्यालय में पटल सहायक का कार्य करते हुए सफाईकर्मियों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। चार-पांच सफाईकर्मी गांवों की बजाय एडीओ पंचायत दफ्तर में ड्यूटी देते हैं। जबकि उनकी तैनाती गांवों में की गई है। लोगों की मानें तो सफाईकर्मी कभी गांव में नहीं जाते हैं। एडीओ पंचायत की कृपा दृष्टि से कार्यालय में बाबू बनकर बैठते हैं। कार्यालय में पटल सहायक का काम करने के साथ ही ग्राम प्रधानों का डोंगल लगाने का भी काम करते हैं। आरोप यह भी है कि एडीओ पंचायत दफ्तर से गायब रहते हैं। दफ्तर का पूरा कामकाज यही सफाईकर्मी संभालते हैं। सफाईकर्मियों की इसी प्रवृत्ति की वजह से गांवों में गंदगी का अंबार लगा है। वहीं सरकार के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को पलीता लग रहा है। एक साल पूर्व सफाईकर्मियों का एडीओ पंचायत दफ्तर में दारू पीने का भी वीडियो वायरल हुआ था। उस मामले में तत्कालीन डीएम संजीव सिंह ने दो सफाईकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। वहीं एडीओ पंचायत का वेतन काटने की कार्रवाई की थी। इसके बावजूद सफाईकर्मियों को गांवों में भेजने की बजाय ब्लाक मुख्यालयों में तैनाती दी जा रही है। डीपीआरओ ने कहा कि एडीओ पंचायत दफ्तरों में स्टाफ कमी है। ऐसे में एक-दो सफाईकर्मियों को रखकर कार्यालयी काम करा सकते हैं। इसमें दागी छवि का कर्मी अथवा सफाईकर्मियों की अधिकता नहीं होना चाहिए। इसको रैंडम चेक कर कार्रवाई की जाएगी।