
चंदौली। खांटी किसान हैं इसलिए किसानों का दर्द अच्छी तरह समझते हैं। किसानों की समस्याओं को लेकर सर्वाधिक मुखर रहने वाले जननेता पूर्व सपा सांसद रामकिशुन पराली मुद्दे पर भी किसानों के साथ मजबूती से खड़े हैं। पूर्वांचल टाइम्स से विशेष बातचीत में पूर्व सांसद ने जिला प्रशासन को चेताया कि यदि पराली के नाम पर एक भी किसान का उत्पीड़न किया गया तो सपा आंदोलन करेगी। हालांकि यह भी कहने से नहीं चूके कि पराली जलाने से प्रदूषण फैलता है लिहाजा इसपर रोक जरूरी है लेकिन इसका विकल्प जिला प्रशासन को तलाशना होगा। ऐसा प्रबंध करें कि किसानों की समस्या का समाधान हो सके। लेकिन केवल पुलिस का भय दिखाकर किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपना उद्देश्य पूरा करने की कोशिश की गई तो कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सपा इस मसले पर किसानों के साथ खड़ी है।
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पूर्व सांसद का जिला प्रशासन को सुझाव
पूर्व सांसद रामकिशुन कहते हैं कि वैसे तो सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों को यह सुझाव देना चाहिए कि पराली की समस्या का निस्तारण कैसे करें। लेकिन जिनका खेती किसानी से कोई सरोकार ही नहीं है वह क्या सुझाव देगा। कहते हैं कि पराली की समस्या का समाधान मनरेगा से कराया जा सकता है। मनरेगा मजदूरों को इस कार्य में लगाएं। श्रमिकों को काम मिलेगा और किसानों को उनकी समस्या का समाधान। पराली को इकट्ठा कर जैविक उर्वरक बनवाया जा सकता हैै। प्रशासनिक अमला इस दिशा में भी सोच सकता है। केवल एफआईआर दर्ज करवाना की एकमात्र विकल्प नहीं होना चाहिए।