सावन महीना 4 जुलाई से शुरू होगा और 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा। अधिकमास के चलते सावन महीना 59 दिन का होगा। सावन की शुरुआत 3 बेहद शुभ संयोग में हो रही है। सावन के पहले ही मंगला-गौरी व्रत रखा जाएगा। इसके अलावा सावन के पहले दिन इंद्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र है। इन दोनों को ही बहुत शुभ माना गया है।
मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए करती हैं।इस दिन सुहागन महिलाएं माता पार्वती के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा करती हैं। माता गौरी को 16 श्रृंगार अर्पित करती हैं।इससे पति की उम्र लंगी होती है, साथ ही दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है।
सावन के पहले ही दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। त्रिपुष्कर योग दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन सुबह 05 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। त्रिपुष्कर योग को पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए बहुत शुभ माना गया है।
सावन के पहले दिन यानी कि 4 जुलाई की सुबह से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक शिववास मां गौरी के साथ है।शिववास में रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ होता है।