चंदौली। गंगा खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। इसका असर जिले में देखने को मिल रहा है। तटवर्ती इलाके के गांवों के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिले के दर्जनों गांव पानी से घिरे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में नजर रखने और अधिकारियों को रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी निगरानी समितियों को सौंपी गई है। प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
मुगलसराय व सकलडीहा तहसील में आने वाले चकरा, हसनपुर, नैढ़ी, मारूफपुर, गद्दोचक, दिया, प्रसहटा, बुढ़ेपुर, रायपुर, नरौली, अमादपुर, मेढ़वां, नगवां, गुरैनी, प्रह्लादपुर समेत दर्जनों गांव गंगा किनारे बसे हैं। गंगा में जलस्तर बढ़ने के साथ ही इन गांवों के लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं। गांव पानी से घिर गए हैं। कुछ गांवों में पानी घुस चुका है। सिवान में खड़ी फसल पूरी तरह से बाढ़ में डूब चुकी है। यदि जल्दी पानी नहीं हटा तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। कोरोना काल में गांवों में आने वाले प्रवासियों पर नजर रखने के लिए गठित निगरानी समितियों को बाढ़ की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। निगरानी समिति के सदस्य बाढ़ के हालात पर नजर रख रहे हैं। साथ ही समय-समय पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों तक इनपुट पहुंचा रहे हैं।
अधिकारी प्रभावित गांवों का कर रहे दौरा
जिले के कई गांव गंगा की बाढ़ से घिर गए हैं। ऐसे में एडीएम, एसडीएम समेत अन्य अधिकारी बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर हालात का जायजा ले रहे। वहीं प्रभावित लोगों को बाढ़ चौकियों व राहत शिविरों तक पहुंचाने की कवायद की जा रही है। गनीमत यह है कि जिले में बहने वाली प्रमुख नदियों कर्मनाशा, चंद्रप्रभा व गड़ई में उफान नहीं है, वरना चुनौती और बढ़ जाती।