
चंदौली। आज के समय में अगर आप आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड आपके लिए सबसे आसान, सुरक्षित और समझदारी भरा रास्ता है। चाहे आप एक छात्र हों, नौकरीपेशा, बिजनेस करते हों या गृहस्थ जीवन में व्यस्त – म्यूचुअल फंड हर किसी के लिए है। इसमें समझदारी से निवेश कर अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। Daddy’s International School & LTP Calculator Financial Technology Pvt. Ltd. के संस्थापक डॉ. विनय प्रकाश तिवारी इसका सही तरीका बता रहे हैं।
“म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे बनाया जाए?”
किस फंड में पैसा लगाया जाए? कब लगाएं? कितना लगाएं?
अगर आपके मन में भी यही सवाल हैं, तो अब इनका जवाब देने वाला व्यक्ति आपके सामने है – मैं खुद।
सबसे पहले समझते हैं – म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो होता क्या है?
पोर्टफोलियो का मतलब होता है – विभिन्न म्यूचुअल फंड्स का ऐसा संतुलित कॉम्बिनेशन जो आपके लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता और समयसीमा को ध्यान में रखकर तैयार किया जाए।
ठीक वैसे ही जैसे खाना बनाते समय आप नमक, मिर्च, मसाले बैलेंस करके डालते हैं , वैसे ही एक म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में भी इक्विटी, डेब्ट, हाइब्रिड और लिक्विड फंड्स को बैलेंस करके डाला जाता है।
कैसे बनाएं अपना म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो?
- अपना लक्ष्य तय करें (Define Your Goal)
आप किसके लिए निवेश कर रहे हैं?
- रिटायरमेंट के लिए?
- बच्चों की पढ़ाई के लिए?
- घर या गाड़ी खरीदने के लिए?
- या एक फाइनेंशियली फ्री लाइफ के लिए?
हर उद्देश्य के लिए अलग फंड चुनना जरूरी है।
- समय सीमा निर्धारित करें (Investment Horizon)
- 1 से 3 साल: लिक्विड या डेब्ट फंड
- 3 से 5 साल: हाइब्रिड फंड
- 5 साल से ज्यादा: इक्विटी फंड
समय जितना लंबा, फंड उतना मजबूत।
- अपनी जोखिम उठाने की क्षमता जानिए (Know Your Risk Appetite)
- अगर आप रिस्क से डरते हैं, तो डेब्ट और बैलेंस्ड फंड आपके लिए सही हैं।
- अगर आप युवा हैं, और लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं, तो इक्विटी फंड्स ज़्यादा ग्रोथ देंगे।
- SIP से शुरुआत करें – छोटा कदम, बड़ा बदलाव
हर महीने 500 रुपये से भी निवेश शुरू हो सकता है।
ना बड़े फॉर्म, ना भारी पेपरवर्क।
बस एक बार शुरुआत कीजिए, फिर निवेश की ये ट्रेन खुद ब खुद चलती रहेगी।
अंत में बस इतना कहूंगा –
“पैसा कमाना एक कला है, लेकिन उसे संभालना विज्ञान है। और जब कला और विज्ञान एक साथ चलें, तो जीवन बदलना तय है।”