
चंदौली। मुगलसराय स्थित मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में शुक्रवार की सुबह अगलगी की घटना में तमाम फाइलें और दस्तावेज जलकर खाक हो गए। इसके साथ ही फाइलों का डेटा और साक्ष्य भी नष्ट हो गया। डीआरएम बिल्डिंग की आग तो बुझ गई लेकिन घटना को लेकर अब सवाल सुलगने लगे हैं। कोई इसे बड़ी साजिश का हिस्सा मान रहा तो कोई सोची-समझी प्लानिंग बता रहा है। इसे कर्मचारियों की सैलरी के साथ करोड़ों रुपये की घपलेबाजी के मामले के साथ ही सीबीआई इंक्वायरी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बहरहाल, सच्चाई जो भी हो, मंडल रेल प्रबंधक ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
मुगलसराय मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में शुक्रवार को तड़के आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। जब तक आग बुझाई गई तब तक दफ्तर में रखी तमाम फाइलें और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। इसके साथ इन फाइलों का डेटा और साक्ष्य भी नष्ट हो गया। ऐसे में घटना को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कुछ लोग इसे बड़ी साजिश का हिस्सा मान रहे हैं। दरअसल, डीआरएफ दफ्तर में तैनात क्लर्क की ओर से रेलवे कर्मचारियों की सैलरी और फंड की करोड़ों रुपये धनराशि की धोखाधड़ी की गई थी। पुलिस ने आरोपित क्लर्क को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह जेल में है। हालांकि मामले की छानबीन जारी है।
वहीं पिछले दिनों रेलकर्मियों की प्रमोशन परीक्षा में पेपरलीक मामले में सीबीआई की रेड पड़ी थी। इसमें दो रेल अधिकारियों समेत एक दर्जन से अधिक कर्मियों को सीबीआई पकड़कर लखनऊ ले गई थी। सीबीआई की टीम ने रेलकर्मियों को पेपर साल्व करते रंगे हाथ पकड़ा था। उस मामले में भी अभी जांच चल रही है।