चंदौली। रबी फसलों की बुआई के सीजन में डीएपी खाद की किल्लत ने एक बार फिर किसानों को परेशान कर दिया है। चकिया तहसील क्षेत्र की शिकारगंज साधन सहकारी समिति पर खाद लेने के लिए किसानों की लंबी कतारें लगी हैं। सुबह से आधार कार्ड लेकर खाद के लिए पहुंचे अधिकांश किसान खाली हाथ लौटने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे उनके बीच भारी आक्रोश है।
फसल बुआई पर संकट
किसानों ने बताया कि धान की कटाई के बाद गेहूं की बुवाई के लिए डीएपी खाद की तत्काल आवश्यकता होती है। देरी होने पर खेतों की नमी खत्म हो जाती है, जिससे फसल उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। किसान भोला मौर्य, राम सेवक यादव, और प्रवीण सिंह ने कहा कि बार-बार कोशिशों के बावजूद साधन सहकारी समिति पर खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है।
बाजार में ऊंचे दामों से किसान परेशान
किसान ओम प्रकाश यादव ने बताया कि बाजार में डीएपी खाद के दाम बहुत ज्यादा हैं, जिसे खरीद पाना छोटे किसानों के लिए मुश्किल है। इस समस्या को लेकर किसानों ने सरकार और प्रशासन से तत्काल पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। इस संबंध में एडीओ कृषि ने बताया कि साधन सहकारी समिति पर 600 बोरी डीएपी खाद वितरित की जा चुकी है। अगला स्टॉक आने के बाद ही खाद का वितरण फिर से शुरू किया जाएगा।
हर साल समस्या
किसानों ने कहा कि सरकार हर साल डीएपी खाद की प्रचुर उपलब्धता का दावा करती है, लेकिन बुवाई के समय यह स्थिति बदलती नहीं। खाद की अनुपलब्धता के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। उत्पादन में गिरावट का खामियाजा उन्हें पूरे साल भुगतना पड़ता है।
समाधान की मांग
किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि खाद वितरण व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, ताकि हर किसान को समय पर खाद मिल सके और फसलों की बुआई में देरी न हो। प्रशासन की लापरवाही से उपजी यह स्थिति कृषि क्षेत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है।