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चंदौलीः पूर्व विधायक मनोज ने चौकीदार के शव को दिया कंधा, बीजेपी पर घटना को राजनीतिक रंग देने का आरोप

चंदौली। पिटाई से घायल कंदवा थाना क्षेत्र के असना निवासी चौकीदार दया यादव की इलाज के दौरान मौत होने के बाद शव गांव पहुंचा। पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू बुधवार को असना पहुंचे और दया यादव की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। शव को कंधा देने के साथ ही परिवार को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की। जिलाधिकारी संजीव सिंह से बातचीत कर पीड़ित परिवार को सरकारी मदद मुहैया कराने की मांग की। डीएम ने एक एकड़ जमीन और पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करने का भरोसा दिलाया। पूर्व विधायक ने भाजपा नेताओं पर घटना को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया।

पूर्व विधायक ने कहा कि भाजपा के विधायकगणों द्वारा पांच वर्ष के कार्यकाल में कोई काम नहीं किया गया। लिहाजा हाल फिलहाल हो रही मारपीट व हत्याओं में वह अपना मतलब व मकसद ढूंढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का चरित्र ही नफरत फैलाना है। उसे न तो हिन्दुओं से कोई सरोकार है और ना ही किसी अन्य जाति या मजहब के लोगों से। भाजपा को केवल अपना राजनीति स्वार्थ साधना आता है। इसका ताजा उदाहरण चंदौली जनपद में घटी घटनाएं हैं। उन्होंने कहा कि सिकटिया में व्यक्तिगत मारपीट में हुई विशाल की हत्या के प्रकरण में दीनदयाल उपाध्याय नगर से भाजपा की विधायिका के लिए विशाल पासवान व उसके स्वजातीय भाजपा कार्यकर्ता हो जाते हैं और आरोपी यादव पक्ष के लोगों को उनके द्वारा समाजवादी गुंडा करार दिया जाता है। वहीं असना की घटना में मृतक दया यादव व उसके परिवार के लोग स्थानीय विधायक व भाजपा की निगाह में हिन्दू हो जाते हैं और हिन्दुओं को जगाने व उन्माद फैलाने का आह्वान सोशल मीडिया के जरिए खुलेआम होता है और स्थानीय प्रशासन व पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। अब सवाल यह उठता है कि जो यादव सिकटिया में समाजवादी गुंडा था वही यादव असना में हिन्दू कैसे हो गया। इसका करारा जवाब भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा। विदित हो कि मारपीट के बाद उपचार के दौरान असना निवासी दया यादव की बीते मंगलवार को अस्पताल में मौत हो गयी। उसके बाद बुधवार को सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू असना पहुंचे और मृत दया यादव के शव को कंधा दिया और अंतिम संस्कार तक मौजूद रहे।

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