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चंदौलीराज्य/जिलाविधान सभा चुनाव

चंदौली: 76.44 फीसद वोट भाजपा व सपा के खाते में, जानिए चारों विधानसभा सीटों पर मतों का किस तरह हुआ ध्रुवीकरण

 

चंदौली। देश में 40 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस व चार बार यूपी की सत्ता में रही राष्ट्रीय पार्टी बसपा का जनाधार चुनाव दर चुनाव खिसकता जा रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही। 76.44 फीसद वोट भाजपा व सपा के खाते में गए। भाजपा ने 39.08 फीसद मत प्राप्त किया तो सपा इससे थोड़ा पीछे रहते हुए 37.36 प्रतिशत वोट हासिल कर सकी। बसपा व कांग्रेस प्रत्याशी इस लिहाज से काफी पीछे रहे। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं।

विधानसभावार आंकड़ा, किसे कितने प्रतिशत वोट मिले

चकिया विधानसभा
भाजपा प्रत्याशी कैलाश खरवार को 39.63 फीसद वोट मिले। इसी तरह सपा के जितेंद्र कुमार को 35.88 प्रतिशत तो बसपा के विकास आजाद को महज 18.04 फीसद ही वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी रामसुमेर राम को मात्र 0.83 फीसद मतों से संतोष करना पड़ा। जन अधिकार पार्टी के सुभाष सोनकर ने उनसे अधिक 2.09 फीसद वोट हासिल किया। नोटा का बटन दबाने वालों की तादाद कुल वैध मतों के सापेक्ष 1.02 फीसद रही। अन्य क्षेत्री दल व निर्दल उम्मीदवार भी जनता का भरोसा नहीं जीत सके।

सैयदराजा विधानसभा
भाजपा प्रत्याशी सुशील सिंह ने 41.85 तो सपा के मनोज कुमार सिंह डब्लू ने 36.65 फीसद मत हासिल किए। बसपा के अमित यादव लाला को 17.54 फीसद वोट मिले। कांग्रेस की विमला को 1.03 प्रतिशत वोट मिले। जन अधिकार पार्टी समेत अन्य दलों का कोई भी प्रत्याशी एक फीसद से अधिक वोट हासिल नहीं कर सका।

 

सकलडीहा विधानसभा
भाजपा प्रत्याशी सूर्यमुनी तिवारी को 32.84 तो सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव को 40.07 फीसद वोट मिले। बसपा के जयश्याम ने 20.63 फीसद और कांग्रेस के देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना ने 2.42 फीसद मत झटके। जन अधिकार पार्टी की चंदा ने 1.66 फीसद वोट हासिल किया। अन्य दलों के प्रत्याशी एक फीसद से नीचे रहे।

मुगलसराय विधानसभा
भाजपा के रमेश जायसवाल ने 42.04 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। सपा के चंद्रशेखर यादव को 36.21 फीसद तो बसपा के इरशाद अहमद को 13.11 फीसद मत मिले। कांग्रेस प्रत्याशी छब्बू पटेल 2.22 तो आल इंडिया मुस्लिम ए इत्तेहादुल मुस्लेमीन के आबिद अली को 1.94 तो विकासशील इंसान पार्टी के शैलेष कुमार को 1.69 फीसद मत प्राप्त हुए। अन्य दल व निर्दलीय प्रत्याशी एक फीसद के आंकड़े से नीचे रहे।

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