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चंदौलीराज्य/जिला

आज से लागू हो गए नए क्रिमिनल कानून, हत्या पर धारा 302 की बजाय 101 लगेगी, शादी या प्रमोशन का झांसा देकर अवैध संबंध बनाना अब अपराध

महिलाओं, बच्चों से जुड़ी हिंसा के कानून सख्त किए गए हैं। मर्डर जैसे मामले में अब धारा 302 की बजाय धारा 101 लगेगी वहीं रेप की धारा 375 की जगह 63 कर दी गई है। शादी, नौकरी या प्रमोशन का झांसा देकर यौन शोषण अब अपराध की श्रेणी में आएगा
  • एक जुलाई से देश में तीन नए क्रिमिनल कानून लागू
  • महिलाओं, बच्चों से जुड़ी हिंसा के कानून सख्त किए गए
  • प्रमोशन का झांसा देकर यौन शोषण अब अपराध की श्रेणी में
  • हत्या पर धारा 302 की बजाय 101 लगेगी

चंदौली। आज यानी एक जुलाई से देश में तीन नए क्रिमिनल कानून लागू हो गए हैं। महिलाओं, बच्चों से जुड़ी हिंसा के कानून सख्त किए गए हैं। मर्डर जैसे मामले में अब धारा 302 की बजाय धारा 101 लगेगी वहीं रेप की धारा 375 की जगह 63 कर दी गई है। शादी, नौकरी या प्रमोशन का झांसा देकर यौन शोषण अब अपराध की श्रेणी में आएगा। इसके लिए 10 साल की जेल और जुर्माने का प्राविधान है। इस मामले में पुलिस बगैर वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है। जबकि जबरन अप्राकृतिक यौन संबंधन को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है।

 

जानिए प्रमुख कानून में हुए अहम बदलाव
धोखाधड़ी की धारा 420 अब 318 हो गई है। हत्या का प्रयास 307 अब 109 होगा। नाबालिग से गैंगरेप पर फांसी तक की सजा का प्राविधान कर दिया गया है। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को भी अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। किडनैपिंग से जुड़े मामले में किशोर और किशोरी की उम्र 18 वर्ष कर दी गई है। पहले किशोरियों की उम्र 16 वर्ष निर्धारित थी। यानी 18 से कम आयु वर्ग के लड़का या लड़की को उनके अभिभावकों की मर्जी के बगैर कोई बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता है तो धारा 137 और 138 के तहत उसे सात वर्ष की सजा और जुर्माना हो सकता है। एक और महत्वपूर्ण कानून यह कि हिट एंड रन के लिए अलग से कानून बनाया गया है। लापरवाही से गाड़ी चलाने पर किसी की मौत हो जाती है और चालक पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बगैर भाग जाता है तो उसे 10 वर्ष तक की जेल और सात लाख तक का जुर्माना देना होगा। धारा 106 (A) के तहत मेडिकल लापरवाही से किसी मरीज की मौत पर दोषी स्टाफ को पांच वर्ष तक की सजा होगी तो इसी अपराध में डाक्टर को केवल दो वर्ष तक की सजा का प्राविधान किया गया है। पहले चिकित्सक के लिए अलग सजा का कोई जिक्र नहीं किया गया था यानी नए कानून में डाक्टरों को रियायत दी गई है।

 

घर बैठे करा सकेंगे एफआईआर, फोन पर मिलेगी केस की जानकारी
धारा 173 के तहत अब थाना या कोतवाली का चक्कर लगाए बगैर आनलाइन एफआईआर कराई जा सकती है। पहले कुछ राज्यों में चोरी की एफआईआर कराने तक का नियम था लेकिन अब हत्या, लूट, रेप जैसे अपराधों में भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। एफआईआर किसी भी जिले और थाने में कराई जा सकती है। पहले दूसरे थाना क्षेत्र का हवाला देकर पुलिस फरियादियों को वापस लौटा देती थी। यही नहीं केस दर्ज कराने वाले को मोबाइल पर एसएमएस के जरिए जानकारी भी दी जाएगी।

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