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चंदौलीप्रशासन एवं पुलिसराज्य/जिला

चंदौली में नियुक्त रहे तत्कालीन एसपी सहित 19 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होने पर कोर्ट ने लगाई फटकार, सिपाही की गिरफ्तारी से जुड़ा है मामला

चंदौली। न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गाजीपुर की अदालत ने चंदौली में तैनात आरक्षी अनिल सिंह की गिरफ्तारी प्रकरण से जुड़े मामले में वर्ष 2021 में चंदौली में नियुक्त एसपी सहित 19 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर गाजीपुर के नंदगंज थाना प्रभारी को फटकार लगाते हुए 28 नवंबर को तलब किया है। आरक्षी अनिल का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसे उसकी ससुराल नंदगंज से उठाया लेकिन चंदौली से गिरफ्तारी दिखाते हुए जेल भेज दिया। तत्कालीन एसपी ने पशु तस्करी में संलिप्तता का झूठा आरोप लगाते हुए बर्खास्त भी कर दिया। हालांकि अनिल सिंह ने न्यायालय में अपनी बेगुनाही साबित करते हुए दोबारा नौकरी में वापसी कर ली है।

 

पुलिस लाइन में तैनात आरक्षी अनिल सिंह का आरोप है कि उन्होंने मुगलसराय थाने की अवैध वसूली लिस्ट वायरल कर दी थी। तत्कालीन थाना प्रभारी शिवानंद मिश्र और एसपी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रतिमाह 12 लाख 50 हजार रुपये अवैध वसूली कराते थे। इससे नाराज एसपी ने अनिल सिंह को बर्खास्त कर दिया। एसपी अमित कुमार के आदेश पर तत्कालीन स्वाट टीम प्रभारी राजीव कुमार सिंह, एसआई अजीत कुमार, एसआई सत्येंद्र विक्रम सिंह, मुख्य आरक्षी आनंद सिंह, अमित यादव, आरक्षी भुल्लन यादव, राणा प्रताप सिंह बगैर नंबर की बोलेरो से अनिल सिंह की ससुराल गांव बड़हरा थाना नंदगंज जनपद गाजीपुर पहुंचे और जबर्दस्ती उठा दिया। अनिल की पुत्री ने तत्काल डायल 112 पर घटना की सूचना दी थी। इसके बाद दो दिन हिरासत में रखने के बाद फर्जी मुकदमों में फंसाकर चालान कर दिया। आरक्षी अनिल सिंह ने मामले को कोर्ट में चुनौती दी। न्यायालय ने घटना में संलिप्त तत्कालीन एसपी सहित 19 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। लेकिन आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। जिसके बाद न्यायालय ने नंदगंज थाना प्रभारी को फटकार लगाते हुए केस डायरी के साथ 28 नवंबर को तलब किया है।

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